कोरोना महामारी के कारण सिन्धु महाकुम्भ 7 से 10 अगस्त को लेह लद्धाख में होगा आयोजित
तीर्थयात्रा केन्द्रीय समिति की बैठक में लिया निर्णय। यात्रा तीन मार्ग से चलेगी। प्रथम वायु मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली से होगी। दो सडक मार्ग की यात्राएं होगी जो चंडीगढ़ -मनाली-लेह-जम्मू व जम्मू-लेह-मनाली-चंडीगढ़’ से होगा। अखण्ड भारत के संकल्प से हमारी भागीदारी होगी।
जासं, अजमेर। सन्धु दर्शन तीर्थयात्रा लेह लद्धाख को 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले प्रथम सिन्धु महाकुम्भ को कोरोना महामारी के कारण नई तिथियों में 07 से 10 अगस्त 2021 को ’लेह लद्दाख में आयोजित किया जायेगा। उक्त निर्णय सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक में मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार ने मार्गदर्शन देते हुये कहा। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीधर माखीजा ने की।
’प्रथम सिंधु महाकुंभ’ यात्रा तीन मार्ग से चलेगी
प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि बैठक में विचार विमर्श कर तय किया गया कि ’प्रथम सिंधु महाकुंभ’ 07 से 10 अगस्त 2021 तक ’लेह लद्दाख में आयोजित होगा। यात्रा तीन मार्ग से चलेगी। प्रथम वायु मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली से होगी। दो सडक मार्ग की यात्राएं होगी जो चंडीगढ़ -मनाली-लेह-जम्मू व जम्मू-लेह-मनाली-चंडीगढ़’ से होगा।
हेल्पलाइन नं. ’9821892711’ पर होगी जानकारी
'सिंधु दर्शन यात्रा समिति दिल्ली’ हेल्पलाइन नं. ’9821892711’ पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहेगी। इन्द्रेश कुमार जी ने कहा सिन्धु माता की पूजा अर्चना, बहिराणा साहिब की पूजन के साथ एकता, अखण्डता, सद्भाव एवं समन्वय का प्रतीक सिन्धु दर्शन उत्सव आयोजित होगा, इस अवसर पर लक्ष्मी का प्रतीक चांदी का सिक्का पूजन कर वितरित किया जायेगा व अखण्ड भारत के संकल्प से हमारी भागीदारी होगी।
संगठनों की भागीदारी से सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा का आयोजन
सिन्ध के गौरवमयी इतिहास व लद्धाख की निर्मित वस्तुओं की भी प्रदर्शनी लगाई जायेगी। राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र कसंल ने कहा कि सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्वागत समिति में विभिन्न प्रमुख समाजसेवी व संत महात्माओं को जोड़ा गया है। भारतीय सिन्धु सभा, हिमालय परिवार के साथ विभिन्न संगठनों की भागीदारी से सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा का आयोजन किया जाता है।