शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ का आमरण अनशन शुरू, समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में युवा पहुंचे
जाखड़ सीआरपीएफ से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन अब तक मंजूर नहीं हुआ है। जाखड़ ने 23 नवम्बर2016 को झारखण्ड के लातेहर जिले में नक्सलियों से मुकाबला किया था। इसमें उन्होंने सात नक्सलियों को मार गिराया था। इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हे शौर्य चक्र से नवाजा था।
जागरण संवाददाता, जयपुर : केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सहायक कमाण्डेंट शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ मंगलवार से राजस्थान के झुंझुंनूं जिले में स्थित अपने गांव जाखड़ों का बास में आमरण अनशन पर बैठ गए। राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की सीबीआई से जांच कराने, परीक्षा निरस्त करने, नकल के खिलाफ कानून बनाने और समयबद्ध प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जाखड़ को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में युवा पहुंचे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था
आसपास के गांवों के लोग भी उन्हें समर्थन देने के लिए पहुंचे। जाखड़ सीआरपीएफ से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन अब तक मंजूर नहीं हुआ है। जाखड़ ने 23 नवम्बर,2016 को झारखण्ड के लातेहर जिले में नक्सलियों से मुकाबला किया था। इसमें उन्होंने सात नक्सलियों को मार गिराया था। इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था।
युवाओं को मेहनत करने के बाद नौकरी नहीं मिल पाती
जाखड़ ने कहा कि पिछले कुछ सालों से राजस्थान में सरकारी भर्तियों फर्जीवाड़ा हो रहा है। युवाओं को काफी मेहनत करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल पाती है । नेताओं के रिश्तेदारों को फर्जीवाड़ा कर के नौकरी दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि भर्तियों में फर्जीवाड़े के खिलाफ युवा आन्दोलन कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।