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Rajasthan: बेटी से दुष्कर्म कर गर्भपात नहीं कराने पर हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा

Rajasthan कोर्ट ने कहा कि ये समाज विरोधी प्रकृति का अपराध है जिसमें उसने अपनी ही नाबालिग बेट से दुष्कर्म किया और फिर हत्या की। इसमें न केवल पिता-पुत्री का रिश्ता तार-तार हुआ बल्कि समाज में भी असुरक्षा और भय पैदा हुआ है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 07:41 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 07:41 PM (IST)
Rajasthan: बेटी से दुष्कर्म कर गर्भपात नहीं कराने पर हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा
बेटी से दुष्कर्म कर गर्भपात नहीं कराने पर हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के कोटा में नाबालिग बेटी से दुष्कर्म और फिर गर्भ ठहरने के बाद गर्भपात से इनकार करने पर उसकी हत्या के दोषी पिता को कोर्ट ने दूसरी बार मौत की सजा सुनवाई है। कोटा पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 ने बुधवार को सुनवाई करते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा है। कोई ने इसे अति गंभीर, जघन्य प्रकृति व ह्दय विदारक अपराध बताते हुए आदेश दिया कि दोषी पिता को फंदे से तब तक लटाया जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए। फैसले में कोर्ट ने कहा कि ये समाज विरोधी प्रकृति का अपराध है, जिसमें उसने अपनी ही नाबालिग बेट से दुष्कर्म किया और फिर हत्या की। इसमें न केवल पिता-पुत्री का रिश्ता तार-तार हुआ, बल्कि समाज में भी असुरक्षा और भय पैदा हुआ है।

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आरोपित को यदि मृत्युदंड से कम दिया गया तो उससे न केवल न्याय के उद्देश्य विफल साबित होंगे, बल्कि समाज में भी इस प्रकार की राक्षसी मनोवृति रखने वाले अपराधियों का मनोबल टूटेगा। विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 ने एक साल पहले 20 जनवरी, 2020 को दोषी पिता को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन पॉक्सो कोर्ट के फैसले को दोषी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस पर हाईकोर्ट ने पॉक्सो कोर्ट से फिर सुनवाई करने के लिए कहा। इस पर पॉक्सो कोर्ट ने फिर सुनवाई शुरू की थी। इस मामले में 19 जनवरी, 2021 को आरोपित पिता को दोषी माना था। बुधवार को इस पर फैसला सुनाया गया, जिसमें दूसरी बार आरोपित पिता को फांसी की सजा देने की बात कही गई।

यह है मामला

आरोपित पिता ने अपनी 17 साल की बेटी से दुष्कर्म किया था। इससे उसके गर्भ ठहर गया। गर्भपात कराने से इनकार करने पर मई, 2015 में उसकी हत्या कर दी गई। बेटी की हत्या के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद पिता ने ही नयापुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। मृतका के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चार माह का गर्भ होने की बात सामने आई। इस कारण भ्रूण का डीएनए टेस्ट कराया गया। जांच के दौरान पता चला कि पिता द्वारा दुष्कर्म करने के कारण मृतका गर्भवती हुई थी। गर्भपात कराने से इनकार करने पर पिता ने अपनी बेटी के सिर में जोर से पत्थर की मार कर हत्या कर दी। 18 गवाहों के बयानों के बाद 20 जनवरी, 2020 को पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश अशोक चौधरी ने आरोपित पिता को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन पिता बचने के लिए हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पॉक्सो कोर्ट ने फिर सुनवाई कि जिसमें उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा। 


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