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Rajasthan: जलवायु परिवर्तन से खेती पर होने वाले असर पर आठ राज्यों के वैज्ञानिक जयपुर में जुटे

जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर खेती और किसान पर हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के इस असर का अध्ययन करने के लिए देश के आठ राज्यों के कृषि वैज्ञानिक जयपुर में जुटे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 12:39 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 12:39 PM (IST)
Rajasthan: जलवायु परिवर्तन से खेती पर होने वाले असर पर आठ राज्यों के वैज्ञानिक जयपुर में जुटे
Rajasthan: जलवायु परिवर्तन से खेती पर होने वाले असर पर आठ राज्यों के वैज्ञानिक जयपुर में जुटे

जयपुर, जागरण संवाददाता। जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर खेती और किसान पर हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के इस असर का अध्ययन करने के लिए देश के आठ राज्यों के कृषि वैज्ञानिक जयपुर में जुटे हैं। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन ने जहां पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है,वहीं खेती और किसान के समक्ष चुनौतियां खड़ी की है। जलवायु परिवर्तन से जीव-जंतुओं का व्यवहार बदल रहा है। पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और जालौर जिलों में तेज सर्दी के मौसम में भी टिड्डियों के प्रकोप को जलवायु परिवर्तन का ही कारण माना जा रहा है।

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खराब फसलों का अध्ययन भी करेंगे

जलवायु परिवर्तन के चलते टिड्डियों का व्यवहार बदल रहा है। आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर के बाद टिड्डी नहीं आती थी, लेकिन अब कड़ाके की सर्दी में भी टिड्डी आ रही हैं। टिड्डियों के इस बदलते व्यवहार का कृषि वैज्ञानिक जयपुर में अध्ययन करेंगे। जयपुर के दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में जलवायु परिवर्तन से खेती के सामने आ रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आठ राज्यों के कृषि वैज्ञानिक जुटे हैं। ये कृषि वैज्ञानिक 3 जनवरी को यहां पहुंचे और 21 तारीख तक जलवायु परिवर्तन से खेती पर होने वाले प्रभावों एवं तेज सर्दी में टिड्डी दलों के आने को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक टिड्डी प्रभावित इलाकों का दौरा कर अनसंधान के प्रमाण जुटाएंगे, वहीं अत्यधिक पाला पड़ने से खराब हुई फसलों का भी अध्ययन करेंगे।

इन कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से खेती पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं, भविष्य में इसका परिणाम मुश्किल पैदा कर सकता है। जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति जे.एस संधू का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का खेती पर असर पड़ रहा है। कृषि वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुष्प्रभावों से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर रणनीति बनाएंगे।

कृषि वैज्ञानिकों की कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे। मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. एल.एस राठौड़ ने कहा कि पहली बार सर्दियों में टिड्डी आ रही है। जलवायु परिवर्तन से जीव जंतुओं का व्यवहार बदल रहा है। 


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