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Rajasthan: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सांवलिया सेठ को 20 करोड़ और श्रीनाथ जी को हुआ 25 करोड़ का नुकसान

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण उधोग-धंधों और व्यापार के साथ ही मंदिरों को भी भारी घाटा हुआ है। ऑनलाइन भेंट के सहारे सेवकों को दिये वेतन और अन्य खर्चें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:46 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 10:07 AM (IST)
Rajasthan: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सांवलिया सेठ को 20 करोड़ और श्रीनाथ जी को हुआ 25 करोड़ का नुकसान
Rajasthan: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सांवलिया सेठ को 20 करोड़ और श्रीनाथ जी को हुआ 25 करोड़ का नुकसान

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण उधोग-धंधों और व्यापार के साथ ही मंदिरों को भी भारी घाटा हुआ है। करीब साढ़े तीन माह में राजस्थान के आधा दर्जन प्रमुख मंदिरों को करोड़ों रुपये का घाटा हुआ है।

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जुलाई के पहले सप्ताह में राजस्थान के प्रमुख मंदिरों के चढ़ावे का खुलासा हुआ तो मंदिर ट्रस्ट, सेवक और प्रशासन के साथ ही आम आदमी चौंक गए। सबसे अधिक घाटा नाथद्वारा स्थित देश के प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में हुआ है। एक अनुमान के अनुसार श्रीनाथजी के मंदिर में आने वाले चढ़ावे के करीब 25 करोड़ रुपये , चित्तोडगढ़ स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में करीब 20 करोड़ रुपये एवं दौसा के मेंहदीपुर बालाजी में 5 करोड़ रुपये  की कमी आई है। सीकर जिले के खाटूश्याम मंदिर एवं चूरू के सालासर हनुमान मंदिर के चढ़ावे में भी कमी आई है। सांवलिया जी मंदिर मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश कलाल का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान और बाद में केवल आॅनलाइन भेंट ही आई है। करीब 20 करोड़ रुपये  का चढ़ावा प्रभावित हुआ है।

देशभर में है इन मंदिरों के भक्त

सांवलिया सेठ मंदिर के प्रति राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश के लोगों की बड़ी आस्था है। प्राचीन मान्यता के अनुसार इस मंदिर में कई व्यापारी और उधोगपति भगवान से मन्नत मांग कर जाते हैं कि यदि उन्हे काम-धंघे में लाभ हुआ तो एक निश्चित प्रतिशत दानपेटी में चढ़ायेंगे। मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार यहां प्रतिवर्ष करीब 55 से 60 करोड़ रुपये आते हैं। इसके साथ ही भक्त सोना-चांदी सहित कई सामान भी दानपेटी में भेंट कर के जाते हैं। लेकिन मार्च से लेकर 30 जून तक इस मंदिर में मात्र 30 लाख रुपये आए हैं, जबकि अन्य सालों में इस दौरान करीब 20 करोड़ रुपये  मंदिर के चढ़ावे में आते थे।

इसी तरह नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर के देश में भक्त है। राजस्थान के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में भक्त प्रतिदिन मंदिर में आते हैं। देशभर में मंदिर के 22 भंडार है। यहां सालाना आय 70 करोड़ रुपये  से भी अधिक है। श्रीनाथ जी मंदिर में हर साल मार्च से जून तक करीब 25 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता था, लेकिन इस बार मात्र 1 करोड़ रुपये ही आया। कांकरोली स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में मासिक आय 25 लाख रूपए हमेशा होती रही है, लेकिन चार माह में कुल 3 लाख रुपये ही चढ़ावे में आये। मेंहदीपुर बालाजी,खाटूश्याम जी व सालासर मंदिर में भी चढ़ावा चार माह का चढ़ावा मात्र दो से तीन लाख रुपये ही मिला। 


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