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रोडवेज के चालक व परिचालकों को मतदान से रखा वंचित

रोडवेज के चालक व परिचालक लोकतंत्र के उत्सव में भागीदर नहीं बन सकेंगे। रोडवेज के चालकों तथा परिचालकों के लिए मताधिकार देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 09:02 AM (IST)
रोडवेज के चालक व परिचालकों को मतदान से रखा वंचित
रोडवेज के चालक व परिचालकों को मतदान से रखा वंचित

अजमेर, जेएनएन। रोडवेज के चालक व परिचालक लोकतंत्र के उत्सव में भागीदर नहीं बन सकेंगे। रोडवेज के चालकों तथा परिचालकों के लिए मताधिकार देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने राज्य निर्वाचन आयोग पर राज्य की वसुंधरा सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है।

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महासंघ का आरोप है कि रोडवेज की गत दिनों प्रदेश व्यापी अनिश्चित कालीन चक्काजाम हड़ताल को सरकार द्वारा विफल करने पर कर्मचारियों की नाराजगी को भांपते हुए उन्हें मतदान से वंचित रखा गया है।

महासंघ के जिलाध्यक्ष कांति कुमार शर्मा व पदाधिकारियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर परिचालकों तथा चालकों के लिए वोट देने की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि रोडवेज के चालक व परिचालक ड्यूटी पर रहेंगे, लेकिन उनको वोट देने के प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए, जबकि पूर्व में कई बार जिला निर्वाचन अधिकारी तथा निर्वाचन आयोग को ज्ञापन देकर इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में करीब दस हजार रोडवेज के चालक व परिचालक वोट देने से वंचित हो रहे हैं।

यह विडम्बना है कि चुनाव आयोग मतदान अधिक से अधिक हो इसे लेकर स्वीप कार्यक्रम आयोजित कर प्रचार प्रसार कर रहा है। दूसरी ओर राजस्थान सरकार के कथित दबाव में आकर रोडवेज कर्मियों को मतदान से वंचित रखा गया है। महासंघ का आरोप लगाया कि राज्य की वसुंधरा सरकार का रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर विरोध किया, उसी के चलते यह घोर अपराध किया जा रहा है।

पांच सालों बाद भी वोट के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इसके लिए चुनाव आयोग सीधे जिम्मेदार है। वहीं अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ व रोडवेज संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एक बैठक आयोजित कर संयुक्त बयान जारी किया और राजस्थान चुनाव आयोग पर उनकी कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। रोडवेज कर्मचारियों ने अजमेर पर्यवेक्षक उमेश कुमार सिंह व जिला निर्वाचन अधिकारी आरती डोगरा के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। 


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