Rajasthan: एसीबी की एफआइआर में दागी सदस्यों के साथ राजस्व मंडल अध्यक्ष आर वेंकटेश्वर का भी नाम
Rajasthan 10 अप्रैल को छापामार कार्रवाई कर एसीबी ने मंडल के सदस्य सुनील कुमार शर्मा और बीएल मेहरड़ा के साथ साथ मंडल के वकील और दलाल शशिकांत जोशी को गिरफ्तार किया था। तीनों से हुई पूछताछ और मोबाइल रिकॉर्ड के आधार पर ही एफआइआर तैयार की गई है।
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान राजस्व मंडल के राजस्व संबंधित फैसलों में घूसखोरी के प्रकरण में 12 अप्रैल को एसीबी ने विधिवत तौर पर एफआइआर दर्ज कर ली है। इस प्राथमिक रिपोर्ट में मंडल के अध्यक्ष आर वेंकटेश्वर की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया है। 10 अप्रैल को छापामार कार्रवाई कर एसीबी ने मंडल के सदस्य सुनील कुमार शर्मा और बीएल मेहरड़ा के साथ साथ मंडल के वकील और दलाल शशिकांत जोशी को गिरफ्तार किया था। तीनों से हुई पूछताछ और मोबाइल रिकॉर्ड के आधार पर ही एफआइआर तैयार की गई है। मेहरड़ा के जयपुर स्थित आवास से 40 लाख और दलाल शशिकांत जोशी के अजमेर स्थित आवास से 51 लाख रुपये व जेवरात बरामद किए गए थे। एसीबी भी दलाल व सदस्यों के बैंक लोकरों को खोलने व जांचने की भी औपचारिक कार्रवाई में लगी है।
पैसे लेकर फैसले करवाने में मंडल के कुछ सरकारी वकीलों की भूमिका भी सामने आई है। इनमें एक महिला वकील का नाम भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, सरकार का पक्ष कमजोर तरीके से रखने में सरकारी वकीलों की भूमिका रही है। एसीबी ने जो फोन रिकॉर्डिंग का डेटा तैयार किया है, उसमें मंडल के सदस्यों के साथ-साथ सरकारी वकीलों के नाम भी सामने आए हैं। एसीबी का मानना है कि पैसे लेकर मुकदमों का फैसला करवाने में मंडल में एक गिरोह सक्रिय हैं, इस गिरोह में मंडल के सदस्य सरकारी वकील और पक्षकारों के वकील शामिल हैं। अनेक वकील दलाल की भूमिका में सामने आए हैं। इस गिरोह के कारण ही पिछले बीस माह में 476 मुकदमों में सरकार को हार का सामना करना पड़ा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्व मंडल में भ्रष्टाचार की स्थिति कितनी गंभीर है। 141 मुकदमों में सरकार के विरोध में फैसले उन सदस्यों ने दिए हैं, जिनके नाम एसीबी के पास हैं। अब ऐसे सभी मुकदमों की जांच होगी।
अजमेर में जांच का काम शुरू
10 अप्रैल को छापामार कार्रवाई के बाद राजस्व मंडल के अजमेर स्थित मुख्यालय पर अध्यक्ष वेंकटेश्वर सदस्य सुनील कुमार शर्मा, बीएल मेहरड़ा, विनीता श्रीवास्तव और मनोज नाग के चेंबरों को सील कर दिया गया था। 12 अप्रैल को एसीबी के अजमेर स्थित पुलिस अधीक्षक समीर कुमार सिंह के नेतृत्व में सील चेंबरों को खोला गया और रखी फाइलों की जांच की गई। विनीता श्रीवास्तव आइएएस कोटे से सदस्य हैं, जबकि सुनील शर्मा, मेहरड़ा व मनोज नाग आरएएस हैं। राजस्व मंडल के भ्रष्टाचार को उजागर करने में एसीबी के डीजी बीएल सोनी, एडीजी दिनेश एनएम व एसटी बजरंग सिंह शेखावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।