Rajasthan: वृद्धा की मौत के मामले में जेएलएन अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल
Rajasthan अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक भले ही व्यवस्था को संभालने का दावा करें लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति की भरपाई नहीं की जा सकती है।
अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान में अजमेर के सरकारी जेएलएन अस्पताल के 250 रेजिडेंट डॉक्टर गुरुवार को हड़ताल पर रहे। रेजिडेंट डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार एक सितंबर से ही हो रहा है। हड़ताल 31 अगस्त को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में जाटव समाज की 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला हगामी देवी की मौत के बाद से शुरू हुई। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक भले ही व्यवस्था को संभालने का दावा करें, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति की भरपाई नहीं की जा सकती है। डॉक्टरों का आरोप है कि हगामी देवी की मौत के बाद परिजनों ने रेजिडेंट डॉक्टर सौरभ शर्मा और त्रिवेंद्र जांगिड़ के साथ मारपीट की। जबकि मृतका के परिजनों का कहना है कि पहले हगामी देवी को आइसीयू में भर्ती किया और फिर बगैर इलाज के ही जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। परिजनों ने किसी वरिष्ठ चिकित्सक को बुलाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
थोड़ी ही देर में हगामी देवी की मौत हो गई। इस पर जब परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया तो रेजिडेंट चिकित्सकों ने मारपीट की। डॉक्टरों ने पुलिस में भी मुकदमा दर्ज करवा दिया। हालांकि अब मृतक के परिजनों ने भी इलाज में कोताही बरतने मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया है। 31 अगस्त की रात से ही परिजनों ने शव की सुपुर्दगी लेने से मना कर दिया है। जाटव समाज अब दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहा है। इस संबंध में दो सितंबर को यादव, जाटव, भरतपुर यान पंचायत के अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव, शहर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप यादव आदि ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर जांच बदलने की मांग की है। समाज की ओर से कहा गया कि डॉक्टरों और वृद्धा के परिजनों की मेडिकल जांच जेएलएन अस्पताल में करवाने के बजाए किसी स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड से करवाई जाए। क्योंकि यदि डाक्टरों और परिजनों की जांच जेएलएन अस्पताल में ही करवाई जाती है तो मृतका के परिजन को न्याय नहीं मिलेगा।
समाज ने यह भी कहा कि घटना के समय सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाए, ताकि यह पता चल सके कि मारपीट किसने की है। असल में मारपीट तो डाक्टरों ने परिजनों के साथ की है। इस कारण यादव, जाटव समाज में रोष व्याप्त है। यदि दोषी डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि यदि मारपीट करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में की जाएगी। चिकित्सकों ने भी सुरक्षा की मांग की है। चिकित्सकों का कहना है कि असुरक्षा के माहौल में काम करना मुश्किल है। अब इस मामले में दोनों पक्षों में तकरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि क्षेत्र के डीएसपी प्रियंका रघुवंशी इस प्रयास में है कि दोनों पक्षों में समझौता हो जाए और मरीजों को परेशानी न हो। हगामी देवी के शव की सुपुर्दगी नहीं लेने से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है