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शहरी आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में देश में राजस्थान बना टॉपर

दीनदयाल अत्योदय योजना-राष्ट्रीय आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में देश राजस्थान ने पहला स्थान प्राप्त किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 12:49 PM (IST)
शहरी आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में देश में राजस्थान बना टॉपर
शहरी आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में देश में राजस्थान बना टॉपर

जयपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल अत्योदय योजना-राष्ट्रीय आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में देश राजस्थान ने पहला स्थान प्राप्त किया है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीब परिवारों के रोजगार एवं आय के अवसरों में वृद्धि करना एवं उनका सतत एवं समग्र विकास किया जाना है ।

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1 अप्रैल 2016 से प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसका एनआईसी की ओर से संधारित लाइव पोर्टल के माध्यम से समीक्षा कर विभिन्न घटकों के क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों के आधार पर राज्यो की रैंकिंग निर्धारित की जाती है ।

इस मिशन के समस्त घटकों के निर्धारित लक्ष्यों में दिसम्बर, 2018 तक की उपलब्धियों के आधार पर राजस्थान को पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है । इस मिशन के तहत अभी तक लाखों लोगों को इसका लाभ मिला है । मिशन निदेशक पवन अरोड़ा ने बताया कि इस मिशन के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के लिए अभी तक 227 स्थायी आश्रय स्थलों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

शहरी क्षेत्रों में रोड पर सामान बेचने वालों के विकास एवं उनकों आत्म निर्भर बनाने एवं सम्मानजनक जीवनयापन सुनिश्चित करने के लिए उनका सर्वेक्षण कर वेंडिंग जोन का निर्धारण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है । अभी तक लगभग फुटपाट पर सामान बेचने वाले करीब 95 हजार शहरी का सर्वे के माध्यम से पहचान कर उनको पहचान पत्र जारी करते हुए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है।  


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