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Rajya Sabha Election 2020: फंसा पेंच, कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायकों को नहीं माना विधिवत विलय

Rajya Sabha Election 2020राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव शुक्रवार को होगा । 3 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की तरह से 2-2 कुल 4 प्रत्याशी होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 07:08 PM (IST)
Rajya Sabha Election 2020: फंसा पेंच, कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायकों को नहीं माना विधिवत विलय
Rajya Sabha Election 2020: फंसा पेंच, कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायकों को नहीं माना विधिवत विलय

जयपुर, जागरण संवाददाता।  Rajya Sabha Election 2020राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव शुक्रवार को होगा । 3 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की तरह से 2-2 कुल 4 प्रत्याशी होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है। चुनाव से एक दिन पहले गुरुवार को कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने विधायकों मॉकड्रिल से चुनाव की प्रक्रिया समझाई । विधायकों को समझाया गया कि उन्हे कैसे मतदान करना है और किन बातों का ध्यान रखना है । कांग्रेस ने खुद के 107 विधायकों के साथ 13 निर्दलीय एवं भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों की पिछले 7 दिन से दिल्ली रोड़ स्थित एक होटल में बाड़ेबंदी की हुई है । वहीं भाजपा ने अपने 72 एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों को 3 दिन से टोंक रोड़ स्थित एक होटल में रखा है । चुनाव से एक दिन पूर्व गुरुवार को कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे,प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला व सचिवों ने अलग-अलग चर्चा की । वहीं भाजपा विधायकों के साथ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,मुख्य सचेतक राजेंद्र राठौड़ व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने सामूहिक रूप से एवं अलग-अलग संवाद किया ।

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उधर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने भारतीय चुनाव आयोग एवं प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने रिटर्निंग आॅफिसर प्रमिल कुमार माथुर के समक्ष बसपा के सिंबल पर चुनाव कानूनी प्रक्रिया अमल में लाए जाने का आग्रह किया है । बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को विधानसभा जाकर माथुर से मिला । बसपा नेताओं ने कहा कि पार्टी विधायकों ने पार्टी विधायक दल का जो विलय किया है वह गलत है । इस कारण इन्हे बसपा विधायक ही माना जाए । वहीं दो दिन पहले तक खुद को कांग्रेस से दूर दिखा रही माकपा ने गुरुवार को कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में वोट देने की बात कही है । माकपा विधायक बलवान पूनिया ने बताया कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ रहेंगे । राज्य सचिव मंडल की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया ।

कांग्रेस को लग सकता है झटका

बसपा प्रतिनिधिमंडल ने रिटर्निंग आॅफिसर को सौंपे पत्र में कहा कि 6 विधायक बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर आये थे और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इन्हें सिम्बल अलॉट किए थे । बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। निर्वाचन आयोग के गजट नोटिफिकेशन में भी अभी तक इन विधायकों की पार्टी का नाम बसपा ही अंकित है । इतना ही नहीं विधानसभा के गजट नोटिफिकेशन में भी इन विधायकों की पार्टी बसपा ही दर्शाई गई थी । लेकिन बाद में स्पीकर ने इस शब्दावली में पार्टी के बिना नोटिस में लाए बदलाव कर दिया ।

सभी 6 विधायक अभी तक भी बसपा के विहिप को मानने के लिए बाध्य हैं। कांग्रेस बसपा से आए विधायकों को अपनी ही पार्टी का मान कर चल रही है और बाड़ेबंदी में भी ये विधायक शामिल हैं। लेकिन चुनाव से ऐन पहले बसपा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर पार्टी की धड़कनें बढ़ा दी है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की भी धड़कनें बढ़ गई हैं। अगर चुनाव आयोग बसपा का दावा सही मानता है तो इन विधायकों को बसपा के व्हिप को मानना जरुरी होगा और पार्टी जहां उन्हें जिस प्रत्याशी को वोट देने को कहेगी उसे वोट देना होगा । ऐसा नहीं करने पर इन विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है ।


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