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Rajasthan: अब फिल्म 'पृथ्वीराज' को लेकर गर्माया माहौल, राजपूत और गुर्जर समाज आमने-सामने

Rajasthan फिल्म पृथ्वीराज के रिलीज होने से पहले ही विवाद हो गया है। फिल्म के दो तथ्यों को लेकर विवाद ज्यादा है। एक में तो गुर्जर समाज पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर बता रहा है जबकि फिल्म में उन्हें राजपूत बताया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 08:13 PM (IST)
Rajasthan: अब फिल्म 'पृथ्वीराज' को लेकर गर्माया माहौल, राजपूत और गुर्जर समाज आमने-सामने
अब फिल्म 'पृथ्वीराज' को लेकर गर्माया माहौल, राजपूत और गुर्जर समाज आमने-सामने। फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म 'पृथ्वीराज' के रिलीज होने से पहले ही विवाद हो गया है। राजस्थान के अलग-अलग जिलों में तीन दिन में फिल्म के तथ्यों को लेकर विरोध दर्ज कराया गया है। फिल्म के दो तथ्यों को लेकर विवाद ज्यादा है। एक में तो गुर्जर समाज पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर बता रहा है, जबकि फिल्म में उन्हें राजपूत बताया गया है। इस तथ्य को लेकर राजपूत और गुर्जर समाज आमने-सामने भी आ गए हैं। दूसरा, राजपूत समाज के एक वर्ग का कहना है कि पृथ्वीराज चौहान आखिरी हिंदू सम्राट थे, इसलिए उनकी कहानी पर बनी फिल्म का नाम केवल 'पृथ्वीराज' रखना अपमानजनक है। फिल्म का नाम 'हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान' होना चाहिए। गुर्जर समाज ने चन्द्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी फिल्म को राजस्थान के सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं होने देने की चेतावनी दी है। उधर, विरोध के बाद जब यशराज फिल्म्स से संबंधित जिम्मेदार लोगों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। फिल्म में अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर मुख्य भूमिका में हैं।

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राजपूतों की यह है आपत्ति

करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि गुर्जरों के सभी दावे निराधार हैं। उन्होंने खुद को पृथ्वराज चौहान का वंशज बताते हुए कहा है कि गुर्जरों ने इस तरह के दावे पहले क्यों नहीं किए। वहीं, श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन की केंद्रीय समिति के सदस्य यशवर्धन सिंह का कहना है कि राजपूतों के महान योद्धा और राजाओं को दूसरे समाज की धरोहर बताने का प्रयास सहन नहीं किया जाएगा। जाति परिवर्तित करने का प्रयास गलत है। फाउंडेशन के संरक्षक महावीर सिंह सरवड़ी ने कहा कि कुछ किताबों में राजपूतों के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर बताना एक षडयंत्र है।

गुर्जर समाज कर रहा यह दावा

मिहिर आर्मी और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि मैं यशराज फिल्म्स को बता देना चाहता हूं कि गुर्जर समाज से छेड़छाड़ की गई तो अंजाम बुरा होगा। यह चेतावनी नहीं, धमकी है। गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज और पृथ्वीराज चौहान दोनों गुर्जर समाज के थे। उन्होंने कहा कि फिल्म चंदबरदाई के लिखे 'पृथ्वीराज रासो' पर आधारित है, जिसे पृथ्वीराज चौहान के शासन के 400 साल बाद लिखा गया है। चंदबरदाई के समय राजपूत शब्द का चलन था, इसलिए उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को राजपूत लिखा, जो तथ्यात्मक गलती है। गुर्जर समाज के धार्मिक स्थल सवाई भोज के प्रतिनिधियों का कहना है कि विभिन्न तथ्यों के अनुसार आखिरी हिंदू सम्राट के पिता सोमेश्र्वर गुर्जरों से संबंधित थे, इसलिए उनके बेटे पृथ्वीराज चौहान भी गुर्जर ही हैं। फिल्म में अक्षय कुमार को गुर्जर राजा दिखाया जाना चाहिए।

इन जिलों में हुईं बैठकें

फिल्म में पृथ्वीराज चौहान को राजपूत बताने के विरोध में अजमेर, दौसा, जयपुर, भरतपुर और टोंक जिलों में गुर्जर समाज की बैठकें हुईं। अजमेर में तो उग्र प्रदर्शन भी हुआ।

अब तक इन फिल्मों पर हो चुका है विवाद

इससे पहले फिल्म 'पद्मावत', 'जोधा अकबर' और 'पानीपत' को लेकर विवाद हो चुका है। पद्मावत के निर्माण के समय राजस्थान के विभिन्न इलाकों में उग्र प्रदर्शन भी हुए थे। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर के आमेर महल में मारपीट भी की गई थी ।

जानकारों की राय

उधर, पूर्व आइएएस अधिकारी और लेखक सत्यनारायण सिंह और शिक्षाविद नरेन्द्र इष्टवाल का कहना है कि पृथ्वीराज चौहान को लेकर इतिहास की अलग-अलग पुस्तकों में अलग-अलग दावे हैं। अधिकांश पुस्तकों में उन्हें राजपूत बताया गया है।


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