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Rajasthan: आदिवासी महिलाओं ने खुद की कंपनी से बनाए डॉक्टरों के पीपीई किट्स, गुजरात और महाराष्ट्र में हो रही सप्लाई

आदिवासी महिलाओं ने खुद की कंपनी से बनाए डॉक्टरों के पीपीई किट्स महिलाओं का यह समूह प्रतिदिन करीब 3 हजार पीपीई किट तैयार करता है। गुजरात और महाराष्ट्र में हो रही सप्लाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:49 AM (IST)
Rajasthan: आदिवासी महिलाओं ने खुद की कंपनी से बनाए डॉक्टरों के पीपीई किट्स, गुजरात और महाराष्ट्र में हो रही सप्लाई
Rajasthan: आदिवासी महिलाओं ने खुद की कंपनी से बनाए डॉक्टरों के पीपीई किट्स, गुजरात और महाराष्ट्र में हो रही सप्लाई

जयपुर, जागरण संवाददाता। देश में अब धीरे-धीरे लॉकडाउन खत्म हो रहा है। केंद्र के बाद राजस्थान सरकार ने भी लॉकडाउन-5 की गाइडलाइन जारी कर दी, यह सोमवार से लागू हो गई। प्रदेश में सभी तरह की गतिविधियां अब तेजी से शुरू हो गई। कोरोना महामारी से बचाव को लेकर अभी भी पहले की तरह ही लोगों में सजगता है। शहरी क्षेत्रों की तरह आदिवासी इलाकों में भी कोरोना महामारी से बचाव को लेकर उपाय पहले की तरह ही किए जा रहे हैं।

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प्रदेश के आदिवासी जिले डूंगरपुर में महिलाएं पिछले माह माह से डॉक्टरों के लिए बेहद सुरक्षित पीपीई किट बना रही है। यह पीपीई किट राजस्थान के साथ गुजरात व महाराष्ट्र के डॉक्टरों के काम आ रहे हैं। सोमवार को जब लॉकडाउन का पांचवा चरण शुरू हुआ तो डूंगरपुर की आदिवासी महिलाओं ने पीपीई किट की एक खेप गुजरात भेजी। डूंगरपुर जिला प्रशासन की मदद से करीब एक हजार आदिवासी महिलाएं डॉक्टरों के लिए पीपीई किट तैयार कर रही है। ये महिलाएं कोरोना योद्धा की तरह काम कर रही है। इन आदिवासी महिलाओं ने खुद की एक कंपनी बना ली है। न्यूजील नाम की इस कंपनी को एक लाख पीपीई किट बनाने का ऑर्डर वस्त्र मंत्रालय से मिला है।

आदिवासी महिलाओं का यह समूह प्रतिदिन करीब 3 हजार पीपीई किट तैयार करता है। आदिवासी बहुल डूंगरपुर के अधिकांश लोग गुजरात, महाराष्ट्र अथवा मध्यप्रदेश में नौकरी करते हैं। लॉकडाउन के बाद जब ये घर आए तो एक बार तो इनके परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया, ऐसे में आदिवासी महिलाओं ने पीपीई किट बनाने का काम शुरू किया। ये महिलाएं मास्क भी बना रही है। अशिक्षित माने जाने वाले इस वर्ग की महिलाएं काम तो एक साथ करती हैं, लेकिन उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रख रही है।

जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव का कहना है कि आदिवासी महिलाएं जिस तरह से काम कर रही है,उससे लगता है कि यह वर्ग अब अपनी तरक्की चाहता है। खुद की तरक्की के साथ देश की सेवा भी करने का जज्बा इनमें है । 

पाक विस्थापित महिलाएं बना रही मास्क

जोधपुर में रह रहे हिंदु पाक विस्थापित परिवारों की महिलाएं अपने हाथ से कपड़े का मास्क बनाकर कोरोना वायरस से लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। पाक विस्थापितों की संस्थान सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदु सिंह सोढ़ा ने बताया कि कोरोना महामारी से लोगों को बचाने और महिलाओं में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिहाज से महिलाएं कपड़े के मास्क बना रही है। 10 रूपए में यह मास्क बाजार में भी बेचा जा रहा है । उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में विस्थापित परिवारों की महिलाओं को 200 सिलाई मशीन दानदाताओं के सहयोग से दिलाने की योजना है। इससे ये खुद आत्मनिर्भर होने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी काम कर सकेंगी। उल्लेखनीय है कि जोधपुर,जैसलमेर,बाड़मेर सहित राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में पाक विस्थािपत परिवार कई सालों से रह रहे हैँ।


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