Rajasthan: 11 राज्यों में फिर से राजस्थान रोडवेज बसों का होगा संचालन
Rajasthan राजस्थान रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पंजाब हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र उत्तराखंड उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश गुजरात दिल्ली हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए बसों का संचालन एक बार फिर प्रारंभ होगा। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद राजस्थान रोडवेज की बसों का 11 राज्यों में फिर से संचालन प्रारंभ होगा। लॉकडाउन के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह में बसों का संचालन बंद हुआ था, जिसे अब फिर प्रारंभ किया जा रहा है। रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा व चंडीगढ़ के लिए बसों का संचालन एक बार फिर प्रारंभ होगा। पिछले माह हरियाणा के लिए तो दो-तीन बसों का संचालन शुरू हुआ था, लेकिन अब प्रतिदिन आठ से 10 बसों का संचालन किया जाएगा। बसों में टिकट की ऑनलाइन बुंकिंग भी हो सकेगी। बुकिंग पर पांच प्रतिशत कैशबैक का भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में भी अब पूर्व की तरह बसों का संचालन शुरू हो गया है। राजेश्वर सिंह ने रोडवेज की बसों में यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए।
इससे पहले कोरोना महामारी के कारण चार माह पूर्व मृतकों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए शुरू की गई मोक्ष स्पेशल बस यात्रा अब नियमित तौर पर जारी रहेगी। 'मोक्ष कलश योजना-2020' को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। इस योजना में नोडल एजेंसी राज्य पथ परिवहन निगम है। योजना के तहत पूरे खर्च के भुगतान की व्यवस्था देवस्थान विभाग करेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब जरूरतमंद लोग अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के लिए रोडवेज की स्पेशल बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। इस योजना के तहत मृतक के परिवार के दो सदस्यों को अस्थि कलश के साथ हरिद्वार आने-जाने के लिए रोडवेज की बसों से मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है।
यात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण, उन्हें गंतव्य स्थल तक लाने-ले जाने की व्यवस्था और यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधा से संबंधित काम राज्य पथ परिवहन निगम करेगा। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका लाभ आयकरदाता और सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी ले सकेंगे। पंजीयन के समय मृत व्यक्ति के बारे में पूरा विवरण देना होगा। इनसे संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां अस्थि कलश लेकर जाने वालों को अपने साथ रखनी होंगी। एक बस में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अधिकतम 46 यात्री बैठ सकेंगे। हरिद्वार में अस्थि विसर्जन व पूजा से जुड़े कार्य अस्थि कलश लेकर जाने वालों को स्वयं करना होगा।