Rajasthan Politics: CM गहलोत के आरोपों पर BJP का पलटवार- अपनी विफलता का दोष हम पर ना मढ़े
Rajasthan Politics राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की विफलता के लिए भाजपा को दोष देने की कोशिश कर रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच शुरू हुई खींचतान के बीच भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस अपनी अंतरकलह भाजपा के माथे पर मढ़ रही है। कांग्रेस के कुनबे में इतनी भागदौड़ मची है कि हर तीसरे महीने इस सरकार के पाए हिल जाते है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने शनिवार को संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि आज जिस तरह की बातें मुख्यमंत्री ने कही है उससे गई कि साफ तौर पर नजर आ रहा था कि उनके मन में हताशा, निराशा और बौखलाहट है।
इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज विधायकों के लिए बकरा शब्द का इस्तेमाल किया है, ऐसे में उन्हें यह बताना चाहिए कि वे राजस्थान के विधायकों में बकरा किसे समझते है। सतीश पूनिया ने कहा कि उन्होंने तो यहां बसपा का अस्तित्व ही खत्म कर दिया। आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे है कि जबकि सरकारें भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने का सबसे ज्यादा काम कांग्रेस ने ही किया है। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए प्रधानमंत्री और भाजपा को दोषी ठहराने के अलावा कोई काम नहीं किया। पुलिस के स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का डर दिखा कर राजनीति करना चाहते हैं ।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमलावर अंदाज में कहा था कि हम सब साथ मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन BJP ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं। एक तरफ हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हुए हैं और दूसरी तरफ ये(भाजपा) सरकार गिराने में लगे हैं। ये लोग सरकार कैसे गिरे कैसे खरीद फरोख़्त करें इस काम में लगे हुए हैं।
अशोक गहलोत ने साथ ही कहा कि मेरे जितने भी साथी हैं सबको सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जब वाजपेयी जी देश के प्रधानमंत्री थे तब ये बात नहीं थी पर 2014 के बाद भाजपा को इतना घमंड आ गया है कि खुल के देश के सामने आकर धर्म, जाति के नाम पर लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है।
गहलोत यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि भाजपा 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बात करते थे, लेकिन अब वे कांग्रेस से डरते हैं। राजस्थान में एक स्थिर सरकार है और वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी। गहलोत ने कहा कि हम अगला चुनाव जीतने की तैयारी में लगे हुए हैं।
गहलोत ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कौन नहीं बनना चाहता है? हमारे पक्ष में, 5-7 उम्मीदवार होंगे जो सक्षम और प्रतिभाशाली हैं लेकिन केवल एक व्यक्ति ही सीएम हो सकता है। जब कोई सीएम बनता है, तो बाकी सभी चुप हो जाते हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे वह सतीश पूनिया हो या राजेंद्र राठौर, वे हमारे केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर हमारे सरकार को गिराने के लिए खेल खेल रहे हैं। वे अग्रिम में 10 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहे हैं और सरकार के आने के बाद 15 करोड़ रुपये ... ये तरह तरह के वादे हैं।
इससे पहले BJP नेता ओम माथुर ने राजस्थान BJP द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पर कहा है कि जब से राजस्थान में सरकार बनी तभी से इस सरकार के आचरण में गिरावट आई है। जिसने सरकार बनाने के लिए मेहनत की उसे पीछे धकेल दिया और जो यहां दिल्ली में बैठकर राजनीति कर रहा था वो CM बन गया।
CM गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस
गौरतलब है कि राजस्थान में भाजपा के 10 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का आधारहीन बयान देकर मुख्यमंत्री ने विधायकों के विशेषाधिकार का हनन किया है और उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। इससे पहले एक कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक की ओर से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया था।
राजस्थान की सियासी हलचल
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को हुए मतदान से पहले लंबा राजनीतिक घटनाक्रम चला था। कांग्रेस ने अपने विधायकों को नौ दिन तक एक होटल में रखा था और इस तरह के आरोप लगाए गए थे कि भाजपा की ओर से विधायकों को 35-35 करोड़ रपये का ऑफर दिया जा रहा है। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में लिखित शिकायत भी दी थी, हालांकि शिकायत में भाजपा का नाम नहीं था।
चुनाव के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने वाले 23 विधायकों को सरकार की ओर से जमीनें और अन्य लाभ दिए गए हैं। इस मामले में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को दिया था। इस प्रस्ताव पर पूनिया को नोटिस दिए जाने की तैयारी चल रही है।