Rajasthan Political Crisis : कांग्रेस विधायकों के बगावत करने से जुड़े मामले पर हाईकोर्ट में 2 दिसंबर को होगी सुनवाई
Rajasthan Political Crisis खंडपीठ ने इस मामले में शेड्यूल 10 सहित दो कानूनी बिंदू को तय करने के लिए विचारार्थ रखा है। ऐसे में जब तक कानूनी बिंदूओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक याचिकाओं पर निर्णय नहीं किया जाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, जयपुर : करीब तीन माह पूर्व राजस्थान में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी द्वारा दिए गये नोटिस के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मामले में पक्षकार मोहलाल नामा की ओर से सभी याचिकाओं को खारिज करने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि चूंकि यह राजनीतिक मामला था और दोनों ही पक्षों के बीच अब विवाद समाप्त हो गया । ऐसे में कांग्रेस विधायक पी.आर.मीणा सहित अन्य लोगों द्वारा पेश की गई याचिकाओं को भारी कोस्ट के साथ खारिज किया जाना चाहिए।
इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि खंडपीठ ने इस मामले में शेड्यूल 10 सहित दो कानूनी बिंदू को तय करने के लिए विचारार्थ रखा है। ऐसे में जब तक कानूनी बिंदूओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक याचिकाओं पर निर्णय नहीं किया जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य पक्षकारों की ओर से प्रार्थना पत्र की प्रति नहीं मिलने पर आपत्ति जताई गई, जिस पर जस्टिस सबिना की खंडपीठ ने मोहनलाल नामा को प्रार्थना पत्र की प्रति सभी पक्षकारों को देने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है।
उल्लेखनीय है कि पायलट और उनके समर्थकों के बगावत करने के दौरान सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष ने बगावत करने वाले विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया था ।
इसके खिलाफ पायलट समर्थक विधायक पी.आर.मीणा कोर्ट में चले गये थे। कुछ अन्य याचिका भी इस मामले में दर्ज हुई थी। हालांकि कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सीएम अशोक गहलोत और पायलट के बीच विवाद समाप्त हो गया था।