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Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट को कमजोर करने के लिए अशोक गहलोत की नई चाल

सचिन पायलट को कमजोर करने के लिए गहलोत की नई चाल पायलट के प्रभाव वाले जिलों में उनके विरोधी मंत्रियों को प्रभारी बनाया

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 01:42 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट को कमजोर करने के लिए अशोक गहलोत की नई चाल
Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट को कमजोर करने के लिए अशोक गहलोत की नई चाल

जयपुर, जागरण संवाददाता।  राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का सियासी संग्राम कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ऊपरी तौर पर तो शांत हो गया। लेकिन दोनों ही नेता एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। अब सीएम गहलोत ने पायलट के प्रभाव वाले इलाकों में उनके विरोधी मंत्रियों को जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया है। इन प्रभारी मंत्रियों को अनौपचारिक रूप पर कहा गया है कि वे पायलट समर्थकों को स्थानीय स्तर पर कम महत्व देने का प्रयास करें।

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स्थानीय प्रशासन को भी इस बात की हिदायत दें कि पायलट समर्थकों की सिफारिश पर कम से कम सरकारी काम हो और यदि हो तो भी उनका श्रेय गहलोत को दिया जाना चाहिये। गहलोत ने पायलट के सबसे कट्टर विरोधी गुर्जर नेता खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना को दौसा और करौली जिलों का प्रभारी बनाया है। पायलट दौसा से सांसद रहे हैं। उनके पिता स्व.राजेश पायलट भी दौसा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं। गुर्जर-मीणा बहुल दौसा व करौली जिलों में पायलट का काफी प्रभाव माना जाता है।

गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले कांग्रेस के विधायकों में इन दोनों जिलों के चार विधायक शामिल थे। ऐसे में गहलोत स्थानीय प्रशासन का उपयोग करते हुए पायलट समर्थकों को कमजोर कमजोर करना चाहते हैं। ऐसे ही पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक का जिला प्रभारी चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा को बनाया गया है।

शर्मा करीब दो साल पहले तक पायलट के विश्वस्तों में शामिल थे,लेकिन फिलहाल वे गहलोत खेमे में हैं। पिछले सप्ताह कांग्रेस महासचिव अजय माकन की मौजूदगी में अजमेर में पायलट और शर्मा के समर्थकों के बीच जमकर तकरार हुई, पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। ऐसे में गुर्जर और मुस्लिम बहुल टोंक जिले में पायलट को कमजोर करने का जिम्मा शर्मा को सौंपा गया है।

अजमेर से पायलट एक बार सांसद रहते हुए केंद्र सरकार में मंत्री रहे, इस कारण उनका यहां प्रभाव है। अजमेर में पायलट को राजनीतिक रूप से कमजोर करने का जिम्मा कृषिमंत्री लालचंद कटारिया को सौंपा गया है। कटारिया मुख्यमंत्री के बेहद निकट माने जाते हैं।

इसी तरह गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले भरतपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्य व विधायक विश्वेंद्र सिंह के जिले का प्रभारी सरकारी मुख्य सचेतक डॉ.महेश जोशी को बनाया गया है। जोशी को भी गहलोत का खास माना जाता है। पायलट विरोधी मंत्री परसादी लाल मीणा को बूंदी और सवाईमाधोपुर जिलों का प्रभारी बनाया गया है। गुर्जर व मीणा बहुल इन दोनों जिलों में भी पायलट का प्रभाव माना जाता है। 


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