Rajasthan phone tapping case: दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे गहलोत के ओएसडी
टेलीफोन फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होंगे । शर्मा ने शुक्रवार को ई-मेल के जरिए नोटिस का जवाब भेज दिया है ।
जागरण संवाददाता, जयपुर! टेलीफोन फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होंगे । शर्मा ने शुक्रवार को ई-मेल के जरिए नोटिस का जवाब भेज दिया है । जवाब कहा गया कि व्यक्तिगत कारणों से दो सप्ताह जयपुर से बाहर यात्रा नहीं करने में मैं असमर्थ हूं। ज्यादा जरूरी होने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पूछताछ के लिए उपलब्ध होने की बात शर्मा ने अपने जवाब में कही है ।
उन्होंने कहा कि दो-तीन सप्ताह बाद जब भी दिल्ली क्राइम ब्रांच नई तारीख देगी तब उपस्थित हो जाऊंगा । शर्मा को शनिवार को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था । लेकिन उन्होंने कोविड और स्वास्थ्य का हवाला देकर पूछताछ के लिए जाने से इनकार कर दिया था । केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के परिवाद पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शर्मा और जोशी के खिलाफ 25 मार्च को मामला दर्ज किया था । शर्मा ने शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी,जिस पर 6 अगस्त तक गिरफ्तार अथवा अन्य कार्रवाई पर छूट मिली हुई है।
यह है मामला
पिछले साल पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के दौरान गहलोत सहित कई कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे ।इसमें शेखावत की भूमिका होने के आरोप लगाए गए थे। पिछले साल जुलाई माह में शर्मा द्वारा तीन ऑडियो मीडियाकर्मियों को भेजे गए थे । जिनमें दो व्यक्तियों की बातचीत हो रही है । गहलोत सरकार और कांग्रेस ने दावा किया था कि यह आवाज शेखावत और पायलट खेमे के विधायक भंवर लाल शर्मा की है।
बातचीत में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर आरोप लगाए गए थे । मुख्य सचेतक ने इस संबंध में एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज करवाया था। हालांकि बाद में कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट की बगावत शांत हो गई तो फोन टैपिंग मामला भी थंडा पड़ गया था। इसी बीच इस साल 25 मार्च को शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड़ पुलिस थाने में परिवाद पेश किया था,जिस पर एफआईआर दर्ज की गई थी । शेखावत ने बिना किसी अधिकारिक इजाजत के टेलीफोन टेप करवाने के आरोप लगाए गए थे ।शेखावत ने खुद की छवि खराब करने का आरोप भी जोशी व शर्मा पर लगाया था। शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद की जांच करते हुए ही शर्मा को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है ।