Rajasthan: जयपुर-कोटा में दो होटल, हॉर्टिकल्चर और भवन निर्माताओं पर आयकर विभाग का छापा, 150 करोड़ की काली कमाई मिली
जयपुर और कोटा में दो होटल हॉर्टिकल्चर और भवन निर्माताओं के यहां की गई छापेमारी में आयकर विभाग को अब तक 150 करोड़ की काली कमाई की जानकारी मिली है। आयकर विभाग की टीम ने पिछले दिनों दो बड़े व्यापारिक समूहों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर और कोटा में दो होटल, हॉर्टिकल्चर और भवन निर्माताओं के यहां की गई छापेमारी में आयकर विभाग को अब तक 150 करोड़ की काली कमाई की जानकारी मिली है । आयकर विभाग की टीम ने पिछले दिनों दो बड़े व्यापारिक समूहों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के अनुसार दोनों व्यापारियों ने 70 करोड़ की अघोषित आय होने की बात स्वीकार की है। छापों में मिले दस्तावेजों में गड़बड़ी पाए जाने पर सात करोड़ रुपये के बाजार मूल्य के जवरात जब्त किए हैं। दोनों कारोबारियों के 24 बैंक लोकरों की तलाशी ली गई है। छापे और दस्तावेजों की जांच की कार्रवाई तीन से सात अगस्त तक चली ।
पहले दिन 40 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी
जानकारी के अनुसार छापेमारी के पहले दिन 40 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई। इसके बाद तीसरे दिन कुल आंकड़ा 70 करोड़ और रविवार को 150 करोड़ को पार कर गया । आयकर विभाग के अधिकारियों को कई दस्तावेज,इलेक्ट्रोनिक्स डिवाइसेज,हार्ड ड्राइव,मोबाइल,लैपटाप मिले हैं। तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से उनके लॉक खोले गए हैं। जांच में सामने आया कि दोनों कारोबारियों ने पावर आफ अर्टानी रखवाकर कर्मचारियों के नाम से संपति खरीद रखी है। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने आलोक कोटावाला,प्रमोद कोटावाला,आशीष अग्रवाल,राजकुमार अग्रवाल और कमलेश जैन के कुल 37 ठिकानों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में दो से ज्यादा आयकर विभाग के अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हुए हैं।
यहां यहां हुई छापेमारी
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने जयपुर में रायल इंडिया ज्वेलरी निर्माता कंपनी प्राइवेट लिमिटेड,निमार्णाधीन होटल,अजमेर रोड़ स्थित आशीष होटल,ज्वेलरी के शौरूम,कोटावाला मार्केट, पांच स्थानों पर हॉर्टिकल्चर में काम करने वाली कंपनी- सेंट्रल ऑर्चिड्स प्राइवेट लिमिटेड, रेसीडेंस, ऑफिस और शोरूम में छापेमारी की है।। कोटा में देवाशीष सिटी,आकाश सिनेमाघर,दो निर्माणाधीन मॉल पर छापेमारी की है। दोनों समूहों के जयपुर व कोटा में 36 से ज्यादा आवासीय एवं व्यावसायिक भवन हैं।