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Rajasthan: सीएम और आलाकमान की नहीं मान रहे राजस्थान के मंत्री धारीवाल ने कहा- मैने बहुत अध्यक्ष देखे हैं

मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान की समझाने के बाद भी मंत्रियों में टकराव जारी है। सीएम के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश मानने से साफ इंकार कर दिया है। धारीवाल ने डोटासरा से कहा आप मुझे निर्देश देनेवाले कौन होते हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 06:44 PM (IST)
Rajasthan: सीएम और आलाकमान की नहीं मान रहे राजस्थान के मंत्री धारीवाल ने कहा- मैने बहुत अध्यक्ष देखे हैं
राजस्थान कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमों के बीच पिछले एक साल से खींचतान चल रही है । वहीं अब मंत्रियों का आपसी विवाद सार्वजनिक होने लगा है । मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान की समझाइश के बाद भी मंत्रियों में टकराव जारी है । सीएम के विश्वस्त संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश मानने से साफ इंकार कर दिया है ।

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धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि आप मुझे निर्देश देने वाले कौन होते हैं । मैने बहुत अध्यक्ष देखे हैं,मैं सीएम के अतिरिक्त किसी को नेता नहीं मानता । वहीं खुद को प्रदेश अध्यक्ष बताते हुए डोटासरा ने धारीवाल से निर्देश मानने के लिए बाध्य होने के लिए कहा । लेकिन धारीवाल ने डोटासरा की बात नहीं मानी और शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने नहीं पहुंचे । वे अपने गृह जिले कोटा में ही रहे ।

दरअसल,कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर डोटासरा ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष व वरिष्ठ नेताओं के साथ शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन देने के लिए कहा था । फ्री वैक्सीनेशन और महंगाई के मुद्दे को लेकर ये ज्ञापन प्रदेश के सभी 33 जिलों में दिए गए । डोटासरा ने स्वयं और सीएम के हस्ताक्षर से राज्यपाल कलराज मिश्र को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा । दो दिन पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में इसी ज्ञापन को लेकर डोटासरा व धारीवाल के बीच विवाद हुआ था ।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हो रही बैठक के दौरान डोटासरा ने फ्री वैक्सीनेशन व महंगाई को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने की बात कही तो धारीवाल ने उन्हे बीच में टोका था । इस पर डोटासरा नाराज हो गए और दोनों के बीच विवाद हो गया । विवाद इस हद तक बढ़ा कि दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दी थी । शुक्रवार को भी धारीवाल ने डोटासरा को साफ संदेश पहुंचा दिया कि वे उनका निर्देश मानने के लिए बाध्य नहीं है । वहीं डोटासरा ने कोटा जिले में धारीवाल के विरोधियों को संगठन में नियुक्तियां देने को लेकर कसरत शुरू कर दी है ।

कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस

डोटासरा ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से लड़ने के स्थान पर राज्यों के निर्वाचित सरकारों को गिराने में अपनी उर्जा खर्च कर रही है । उन्होंने कहा कि फ्री यूनिवर्सल टीकाकरण होना चाहिए । केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्यों में वैक्सीनेशन की गति धीमि हुई है।

भाजपा बोली,राजस्थान सरकार लापरवाह

वैक्सीनेशन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थन सरकार की लापरवाही के कारण 18 से 44 साल तक के लोगों को वैक्सीन नहीं लगी । राज्य सरकार का वैक्सीन मैनेजमेंट फेल रहा । एेसे में अपनी असफलताओं की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है।


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