Budget 2020: राजस्थान को सौर ऊर्जा, पर्यटन और पेयजल में बड़ा फायदा होने के आसार
Budget 2020. राजस्थान को आर्थिक तंगी से कुछ राहत मिल सकती है क्योंकि केंद्र की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले अंशदान में बढ़ोतरी की गई है।
जयपुर, मनीष गोधा। Budget 2020. केंद्र सरकार के बजट में राजस्थान को अलग से तो कुछ नहीं मिला, लेकिन सौर ऊर्जा, पर्यटन, पेयजल और लघु उद्योगों के लिए की गई घोषणाओं से राजस्थान को बड़ा फायदा मिल सकता है। हालांकि इसमें सबसे बड़ी अड़चन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होना है। केंद्रीय बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किए जाने की उम्मीद थी। यह मामला लंबे समय से केंद्र के पास लंबित है, लेकिन इस बजट में भी राजस्थान को निराशा ही हाथ लगी है और 37 हजार करोड़ रुपये की यह परियोजना अभी भी राज्य सरकार को अपने बूते ही पूरी करनी पड़ेगी। इसके अलावा भी राजस्थान को अलग से कुछ नहीं मिल पाया है। हालांकि राज्य को आर्थिक तंगी से कुछ राहत मिल सकती है, क्योंकि केंद्र की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले अंशदान में बढ़ोतरी की गई है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमानों में सभी राज्यों को मिलने वाली राशि करीब तीन हजार करोड़ रुपए बढ़ाई गई है, वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए यह राशि करीब 16 हजार करोड़ रुपए बढ़ाई गई है। इसी तरह 15वें वित्त आयोग के तहत मिलने वाली सहायता में भी करीब 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ाए गए हैं। ऐसे में राजस्थान को भी इस राशि में से उसका हिस्सा पहले से बढ़कर मिलेगा। बजट में कुछ योजनाएं भी ऐसी हैं, जिनका सीधा संबंध राजस्थान से है और यहां इसका फायदा मिल सकता है। जैसे खेत में सौर ऊर्जा पावर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन करने वाली कुसुम योजना का दायरा बढ़ाया गया है। राजस्थान में बंजर जमीन भी काफी है और सौर ऊर्जा की भरपूर गुंजाइश है। ऐसे में इस योजना से अब यहां के ज्यादा किसान लाभान्वित हो सकेंगे। इसी तरह जल जीवन मिशन में पानी की कमी वाले जिलों में राजस्थान के जिले भी शामिल हैं। इसके साथ ही जल जीवन मिशन को मिलने वाली राशि भी बढ़ाई गई है। चूंकि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत राजस्थान से ही हैं, ऐसे में राजस्थान को कुछ अतिरिक्त फायदा मिल सकता है।
इसके अलावा पर्यटन और संस्कृति के लिए भी केंद्रीय बजट में प्रावधान है। हालांकि जिन पांच पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने की बात कही गई है, उनमें राजस्थान का नाम नहीं है लेकिन क्षेत्र विशेष की योजनाओं को केंद्रीय सहायता देने की बात कही गई है और राजस्थान में इस मामले में काफी संभावनाएं हैं। यहां रेगिस्तान, किले, धार्मिक स्थल आदि सब कुछ हैं जिनके लिए अलग योजनाएं बना कर भेजने पर राजस्थान को फायदा मिल सकता है। इसके साथ ही लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग भी राजस्थान में बड़ी संख्या में हैं क्योंकि यहां हस्तशिल्प का काम बड़े पैमाने पर होता है। ऐसे में इस क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का लाभ भी मिल सकता है।