Rajasthan: राजस्थान रिश्वत के 14 साल पुराने मामले में पांच साल की कैद
राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोर्ट ने रिश्वत लेते पकड़े गए एक विकास अधिकारी को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोर्ट ने रिश्वत लेते पकड़े गए एक विकास अधिकारी को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। विकास अधिकारी पर रिश्वत का यह मामला 14 वर्ष पुराना है। कोर्ट ने सजा के साथ दोषी पर 60,000 रुपयों का जुर्माना भी लगाया है।
मामले के अनुसार जाटीकला के सरपंच बाबूलाल ने वर्ष 2006 दिसम्बर में विकास अधिकारी ज्ञानचंद व्यास के खिलाफ निर्माण कार्य का बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उसने बताया निर्माण कार्य के 33,000 रुपये के बकाया बिल पास करने की एवज में विकास अधिकारी ज्ञानचंद व्यास 5000 की रिश्वत की मांग कर रहा है। इस पर एसीबी ने उसकी शिकायत का सत्यापन कराया तो वह सही पाई गई।
राजस्थान के कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोर्ट ने रिश्वत लेते पकड़े गए एक विकास अधिकारी को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। विकास अधिकारी पर रिश्वत का यह मामला 14 वर्ष पुराना है। कोर्ट ने सजा के साथ दोषी पर 60,000 रुपयों का जुर्माना भी लगाया है।
ब्यूरो ने 27 दिसंबर, 2006 को विकास अधिकारी को परिवादी से 3000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी 2000 रुपये सचिव के माध्यम से पहले ही ले चुका था। उसके बाद ब्यूरो ने मामले की जांच कर एसीबी कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में 13 गवाहों के बयान कराए गए. मामले की लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को एसीबी कोर्ट में इस मामले में विकास अधिकारी ज्ञानचंद व्यास को 5 साल के कठोर कारावास और 60,000 के जुर्माने से दंडित किया है। कोर्ट के फैसले के बाद तत्कालीन विकास अधिकारी को जेल भेज दिया गया।
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