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Rajasthan: लाॅकडाउन के दौरान फीस वसूली व ऑनलाइन पढ़ाई मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Rajasthan High court. राजस्थान में लाॅकडाउन के दौरान ज्यादातर स्कूल ऑनलाइन पढाई करवा रहे हैं और अब लाॅकडाउन अवधि की फीस देने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:25 PM (IST)
Rajasthan: लाॅकडाउन के दौरान फीस वसूली व ऑनलाइन पढ़ाई मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
Rajasthan: लाॅकडाउन के दौरान फीस वसूली व ऑनलाइन पढ़ाई मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan High court. कोरोना लाॅकडाउन के दौरान निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूल किए जाने और पांचवीं कक्षा तक की बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंति और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्यों न अनाधिकृत तरीके से फीस वसूल रहे स्कूलों के खिलाफ आर्डर पास किया जाए और पांचवीं तक के बच्चों की ऑनलाइन पढाई पर रोक लगा दी जाए।

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राजस्थान में लाॅकडाउन के दौरान ज्यादातर स्कूल ऑनलाइन पढाई करवा रहे हैं और अब लाॅकडाउन अवधि की फीस देने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है। इसके लिए सीबीएसइ से संबद्ध निजी स्कूलों की संस्था की ओर से दो दिन पहले समाचार पत्रों में सामूहिक अपील तक जारी की गई और कहा गया कि शिक्षा को बेहतर ढंग से जारी रखने के लिए अभिभावक फीस जमा कराएं। वहीं, कई अभिभावक संगठन फीस माफ कराने के लिए प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय में एडवोकेट एसके सिंह, शांतनु शर्मा और बंशीधर ने तीन जनहित याचिकाएं दायर की थी। इन तीन याचिकाओं को कोर्ट ने एक साथ कर दिया है। यकी पैरवी करते हुए सिंह ने कहा कि निजी स्कूल फीस वसूलने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करावा रहे हैैं, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के कारण पांचवीं कक्षा तक पढ़ने वाले छोटे बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। सिंह ने यह भी कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों को रियायती दर पर जमीनें दी है, लेकिन अब सरकार की ओर से ही घोषित लाॅकडाउन की अवधि के लिए स्कूल फीस मांग रहे हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सरकार को नोटिस जारी कर 20 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा है।

बाल अधिकार आयोग जारी कर चुका है ऑनलाइन शिक्षा की एडवाइजरी

गौरतलब है कि राजस्थान में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ऑनलाइन शिक्षा के लिए एडवाइजारी जारी कर चुका है, जिसे शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य में लागू भी किया है। इस एडवाइजारी में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 10-15 मिनट के वीडियो क्लीपिंग्स के जरिए पढ़ाई कराने और आठवीं तक के बच्चों के लिए 30-40 मिनट की क्लास लिए जाने की बात कही गई है। इसके साथ ही सप्ताह में दो दिन ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लेने को भी कहा गया है। 


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