Corona Vaccine: राजस्थान हाईकोर्ट ने वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर मांगा जवाब, जारी किया नोटिस
Corona Vaccine वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार राज्य सरकार सीरम इंस्टीट्यृट भारत बायोटेक और अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि पूरे देश में एक ही कोरोना वैक्सीन के अलग-अलग दाम क्यों तय किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Corona Vaccine: कोरोना महामारी के दौर में एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होने वाली है। वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सीरम इंस्टीट्यृट, भारत बायोटेक और अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि पूरे देश में एक ही कोरोना वैक्सीन के अलग-अलग दाम क्यों तय किए गए हैं। जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने यह नोटिस एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए। इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभय भंडारी ने कहा कि देश में एक ही वैक्सीन की तीन दरें तय की गई है। केंद्र सरकार को कोविशील्ड और को-वैक्सीन 150 रुपये में मिलेगी, यही वैक्सीन राज्य सरकार को 400, निजी अस्पतालों को इनके लिए 600 व 1200 रुपये चुकाने होंगे।
कंपनियां भारी लाभ कमाने के उद्धेश्य से अलग-अलग दर पर वैक्सीन उलब्ध करा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार और निजी कंपनियां संविधान के आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन कर रही है। केंद्र सरकार 45 साल तक से अधिक उम्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार मुफ्त में वैक्सीन दे रही है। अब राज्य सरकार को चाहिए कि वह 18 से 45 साल तक के लोगों को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराए। याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में वैक्सीनेशन कोलेकर 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। पीएएम केयर्स फंड में भी करीब 900 से एक हजार करोड़ रुपये का फंड होने का अनुमान है। ऐसे में केंद्र सरकार को पूरे देश में फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव चलानी चाहिए, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके लिए पहले से तैयारी कर रखी थी। उल्लेखनीय है कि वैक्सीन की दरों को लेकर पहले ही देशभर में विवाद चल रहा है। कई राज्य पहले से ही वैक्सीन की दरों में अंतर को लेकर सवाल उठा चुके हैं।