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Rajasthan: जैसलमेर जिला परिषद के सीईओ को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

Rajasthan High Court. पंचायतीराज नियम के तहत दस्तावेज नहीं देने पर जैसलमेर जिला परिषद के सीईओ से हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 04:47 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 04:47 PM (IST)
Rajasthan: जैसलमेर जिला परिषद के सीईओ को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब
Rajasthan: जैसलमेर जिला परिषद के सीईओ को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

जोधपुर, जेएनएन। Rajasthan High Court. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के तहत रिकॉर्ड व दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने के मामले में दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग के सचिव, जैसलमेर जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सम पंचायत समिति के विकास अधिकारी और चिन्नू, अड़बाला व खुईयाला ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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स्वास्तिक सेवा संस्थान के अशोक भाटी की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर व पंकज साईं ने रिट याचिका दायर कर कहा कि आवेदक ने राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 के नियम 321 सपठित नियम 324 के तहत रोकड़ बही व पट्टा बही की सत्यापित प्रति चाही थी। जिसका जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने नियम 328 के तहत मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा, जिसका भी निस्तारण नहीं हुआ।

सुनवाई के बाद न्यायाधीश अरुण भंसाली ने ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग के सचिव, जैसलमेर जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सम पंचायत समिति के विकास अधिकारी और चिन्नू, अड़बाला व खुईयाला ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया। इधर, नोटिस जारी होने से संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। अब जवाब मिलने पर हाईकोर्ट इस मामले पर गौर करेगा।

आरटीआइ का विकल्प है यह नियम

पंचायती राज संस्थाओं (यथा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद्) से दस्तावेज या रिकॉर्ड लेने के लिए सूचना के अधिकार का विकल्प है। इसके तहत केवल चार दिन (अधिकतम) में पंचायतराज संस्थाओं को आवेदकों को चाहे गए रिकॉर्ड या दस्तावेज उपलब्ध करवाना होता है। नियम 328 के तहत मुख्य कार्यकारी अधिकारी को इन नियमों की पालना सुनिश्चित करनी होती है। इन प्रावधानों की समुचित रूप से पालना नहीं करने और आवेदक को रिकॉर्ड/दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायतराज विभाग के शीर्ष अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।

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