राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर बढ़ने लगा दबाव, कांग्रेस बनाएगी मुद्दा
कांग्रेस अब राजस्थान में कल्याण सिंह के बयान को चुनावी मुद्दा बनाने के प्रयास में जुटी है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने का समर्थन करने और खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए,बीजेपी की जीत चाहने की बात कहना अब चुनावी मुद्दा बनने लगा है। पहले से ही संवैधानिक संस्थाओं और पदों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाती रही कांग्रेस अब राजस्थान में कल्याण सिंह के बयान को चुनावी मुद्दा बनाने के प्रयास में जुटी है।
पार्टी नेतृत्व की ओर से कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कल्याण सिंह के बयान की आलोचना प्रत्येक सार्वजिक स्थान पर करने के लिए कहा गया है। नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे लोगों को बताएं कि कल्याण सिंह राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे होने के बावजूद किस तरह से बीजेपी के कार्यकर्ता की तरह बात कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी मान रही है। कल्याण सिंह से इस्तीफा मांग रहे कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि इसी तरह का विवाद होने पर साल,1993 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद को इस्तीफा देना पड़ा था ।
सचिन पायलट बोले,राज्यपाल पद की गरीमा को ठेस पहुंची है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्यपाल का बयान सैंवघानिक पद की गरीमा के खिलाफ है। राज्यपाल ने जो बयान दिया उससे साफ होता है कि वह पार्टी विशेष के पक्ष में है। इसी वजह से चुनावी परिदृश्य में राज्यपाल होते हुए भी सरेआम पार्टी विशेष का समर्थन कर रहे है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य अश्क अली टांक एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुरेश मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है,उन्हे पद से इस्तीफा देकर राज्यपाल के पद का सम्मान बढ़ाना चाहिए। मिश्रा ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर आम लोगों के बीच जाएंगे।
कल्याण सिंह ने 23 मार्च को यूपी में अपने गृह जनपद अलीगढ़ में कहा था कि 'हम सभी लोग भाजपा के कार्यकर्ता है और इस नाते से हम जरूर चाहेंगे कि भाजपा विजयी हो। हम सब चाहेंगे एक बार फिर से केंद्र में मोदीजी प्रधानमंत्री बनें, मोदीजी का प्रधानमंत्री बनना देश और समाज के लिए आवश्यक है'।
उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह यूपी में एटा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे है। राज्य के पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक विष्णु मोदी का कहना है कि कल्याण सिंह से पहले साल 1993 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद विवाद में आए थे। विवाद बढ़ने पर उन्हे इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय गुलशेर अहमद के पुत्र सईद अहमद मध्य प्रदेश के अमरपट्टन सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। गुलशेर अहमद अपने पुत्र के चुनाव प्रचार के लिए अमरपट्टन सीट पहुंच गए थे। इसके बाद काफी विवाद हुआ था, चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया था। इसके बाद गुलशेर अहमद को इस्तीफा देना पड़ा था।