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आंध्रप्रदेश व गुजरात की तर्ज पर खनिज भंडारों का उपयोग करेगी राजस्थान सरकार, राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास

राजस्थान सरकार अब आंध्रप्रदेश और गुजरात की तर्ज पर खनिज भंडारों की खोज करने के साथ ही इनके माध्यम से राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर विशेष कार्य योजना तैयार की गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 09:42 AM (IST)
आंध्रप्रदेश व गुजरात की तर्ज पर खनिज भंडारों का उपयोग करेगी राजस्थान सरकार, राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास
आंध्रप्रदेश व गुजरात की तर्ज पर खनिज भंडारों का उपयोग करेगी राजस्थान सरकार, राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान सरकार अब आंध्रप्रदेश और गुजरात की तर्ज पर खनिज भंडारों की खोज करने के साथ ही इनके माध्यम से राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत खनिज संसाधनों को नियोजित करने के लिए लंबी एवं अल्प अवधी के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई जायेगी। खनिज भंड़ारों के शोध के लिए प्रयोगशाला की स्थापना होगी। इस लेबोरेट्री को नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड क्रेलिब्रेशन लेबोरेट्री से मान्यता दिलाई जायेगी। ऐसा करने से खनिज प्रयोगशाला में खनिज उत्पादों के परीक्षण और विश्लेषण के आधार पर अनुसंधान व विकास को बढ़ावा मिल सकेगा। खनिज उत्पादों का प्रमाणीकरण भी संभव हो सकेगा।

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खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि राज्य सरकार ने राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया है। यह ट्रस्ट प्रदेश में उपलब्ध खनिज भंडारों की वैज्ञानिक तरीकों से खोज व खनन में आधुनिक तकनीक के उपयोग, शोध, कौशल विकास व राजस्व बढ़ोतरी की दिशा में काम करेगा। साथ ही तकनीक के जरिए अवैध खनन राेकने की दिशा में भी काम करेगा।

ट्रस्ट के संचालन के लिए खनिजों पर ली जा रही रॉयल्टी पर दो प्रतिशत सेस राशि और अवैद्य खनन से प्राप्त राजस्व की दस प्रतिशत राशि से एक कोष बनाया जाएगा। इस काेष का उपयाेग ट्रस्ट से जुड़े कामकाज पर हाेगा। पिछले दिनों एक रिपोर्ट में सामने आया था कि प्रदेश में योग्य क्षेत्रफल की तुलना में आधे से भी कम स्थान पर खनन हाे रहा है। अब ट्रस्ट के माध्यम से खनिज भंडारों की खोज के काम को गति देने की योजना बनाई गई है। खान मंत्री की अध्यक्षता में ट्रस्ट की गवर्निंग बाॅडी बनाई गई है।

इसके अतिरिक्त खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति गठित की गई है। यह समिति दिन-प्रतिदिन के कामकाज का संचालन करेगी।

जानकारी के अनुसार बाड़मेर में गैस व पेट्रोल की खोज के बाद अब राज्य सरकार बीकानेर संभाग में जिप्सम की खोज पर विशेष जोर देगी। इसके साथ ही बजरी के अवैध खनन को रोकने के लिए कार्यकारी समिति पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी। खान विभाग के अधिकारियों की एक टीम दो माह पूर्व गुजरात और आंध्रप्रदेश का दौरा कर के आई है । इस टीम ने इन दोनों राज्यों में खनिज भंडारों की खोज के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। 


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