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Rajasthan: ग्रीन हाइड्रो एनर्जी नीति बनाएगी राजस्थान सरकार

Rajasthan राजस्थान सरकार में बिजली और खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि कोयला जलाकर थर्मल पावर प्लांट्स (ताप बिजली घर) में पैदा की जाने वाली बिजली पर निर्भरता कम करने की कोशिश की जा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 04:16 PM (IST)
Rajasthan: ग्रीन हाइड्रो एनर्जी नीति बनाएगी राजस्थान सरकार
ग्रीन हाइड्रो एनर्जी नीति बनाएगी राजस्थान सरकार। फाइल फोटो

जगारण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार ग्रीन हाइड्रो एनर्जी (हरित जल ऊर्जा) नीति बनाएगी। सौर ऊर्जा को स्टोर कर इस्तेमाल में लेने, बिजली के साथ आक्सीजन, पेट्रोल कैमिकल और जैविक उत्पाद के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिहाज से यह नीति तैयार की जा रही है। राज्य में ग्रीन हाइड्रो एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश के निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा। राज्य सरकार में बिजली और खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि कोयला जलाकर थर्मल पावर प्लांट्स (ताप बिजली घर) में पैदा की जाने वाली बिजली पर निर्भरता कम करने की कोशिश की जा रही है। रिन्यूबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ग्रीन हाइड्रो एनर्जी के प्लांट्स लगाना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य में इसकी काफी संभावनाएं हैं। राज्य के बीकानेर, कोटा, बारां, बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर जिलों में इसके प्लांट्स लगाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह नीति बनने के बाद कार्बन फुट प्रिंट के प्रभाव में कमी आएगी। राज्य में इसके प्लांट्स लगने से अस्पतालों के लिए भी आक्सीजन की उपलब्धता हो सकेगी। अग्रवाल ने बताया कि ग्रीन हाइड्रो प्लांट्स में पानी से इलेक्ट्रोलाइसिस कर के हाइड्रोजन और आक्सीजन को अलग किया जाता है। इस नई तकनीक से फ्यूल सेल के साथ ही आक्सीजन, अमोनियम, प्राकृतिक गैस, रासायनिक उपयोग, पेट्रोकेमिकल सहित कई बायो प्रोडक्ट्स का उत्पादन हो सकेगा। इसके साथ ही सौर ऊर्जा को स्टोरेज कर उपयोग करने की नई तकनीक विकसित हो सकेगी।

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गौरतलब है कि वीरवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान किसी जमाने में पिछड़ा राज्य माना जाता था, यहां अकाल और सूखा पड़ना आम बात थी, लेकिन अब पहले जैसी स्थिति नहीं है। अब राज्य ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आगे आने वाले समय में राज्य और तरक्की करेगा। जोधपुर स्थित जयनारायण व्यास विवि के वर्चुअल दीक्षांत समारोह में गहलोत ने कहा कि जोधपुर में डिजिटल यूनिविर्सिटी बनाने का काम जल्द शुरू होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 400 करोड़ का बजट मंजूर किया है। जमीन आवंटित हो गई है। अब जल्द काम आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में पेट्रोकैमिकल इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का नया सोच है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में नेशनल ला यूनिवर्सिटी, एम्स, आइआइटी, आयुर्वेद विवि सहित कई प्रतिष्ठित संस्थान हैराज्य में जोधपुर एकमात्र ऐसा शहर है, जहां इतनी बड़ी संस्थाएं एक साथ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया कि जिस क्षेत्र में 500 छात्राएं हैं, वहां महिला कालेज बनाया जाएगा। दीक्षांत समारोह में प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मानद डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।


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