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राजस्थान सरकार 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर साढ़े 4 करोड़ में बेचने को तैयार, नहीं मिल रहे खरीददार

वसुंधरा राजे सरकार ने साल 2005 में अगस्ता ए-109 डबल इंजन का हेलीकॉप्टर खरीदा था। यह हेलीकॉप्टर वेस्टलैंड कंपनी का है। इसमें कुल 7 लोग बैठ सकते हैं। जिनमें 2 क्रू मेंबर्स और 5 अन्य लोग शामिल है। इसका रजिस्ट्रेशन नंबर वीटी-राज है। इसने कुल 5121 घंटे उड़ान की है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 11:04 AM (IST)
राजस्थान सरकार 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर साढ़े 4 करोड़ में बेचने को तैयार, नहीं मिल रहे खरीददार
राजस्थान सरकार 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर साढ़े 4 करोड़ में बेचने को तैयार,

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान सरकार का 30 करोड़ में खरीदा गया 16 साल पुराना अगस्ता हेलीकॉप्टर अब साढ़े 4 करोड़ में भी नहीं बिक रहा है। सरकार ने अब तक 11 बार इस हेलीकॉप्टर को बेचने के प्रयास किए, लेकिन कोई खरीददार ही नहीं मिल रहा। खरीददार नहीं मिलने के कारण यह हेलीकॉप्टर कबाड़ में तब्दिल होता जा रहा है। वर्तमान में यह स्टेट हैंगर पर खड़ा है। 10 बार असफल होने के बाद 11वीं बार इसी माह 3 मार्च को हलीकॉप्टर की नीलामी रखी गई, लेकिन किसी खरीददार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इससे पहले 2 फरवरी को भी नीलामी में शामिल होने कोई नहीं आया। करीब 7 साल पहले इसी हेलीकॉप्टर के 18 करोड़ मिल रहे थे, लेकिन तब अधिक कीमत मिलने की उम्मीद में सरकार ने इसे बेचा नहीं और अब साढ़े चार करोड़ में भी खरीददार नहीं मिल रहे। इसके बाद 14 करोड़ में नीलामी रखी गई, फिर 12 करोड़ 40 लाख और इसके बाद 11 करोड़ में हेलीकॉप्टर बेचने की कोशिश कई बार हुई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। साढ़े 4 करोड़ में बेचने को लेकर फिर दूसरी बार प्रयास किया,जो सफल नहीं हुआ ।

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तकनीकी खराबी के कारण सीएम की जान हो गया था खतरा

तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने साल, 2005 में अगस्ता ए-109 डबल इंजन का हेलीकॉप्टर खरीदा था। यह हेलीकॉप्टर वेस्टलैंड कंपनी का है। इसमें कुल 7 लोग बैठ सकते हैं। जिनमें 2 क्रू मेंबर्स और 5 अन्य लोग शामिल है। इसका रजिस्ट्रेशन नंबर वीटी-राज है। इसने कुल 5121 घंटे उड़ान की है। उस समय अगस्ता वेस्टलैंड के प्रतिनिधियों ने इसे राजस्थान की गर्म हवाओं और रेगिस्तानी वातावरण के अनुकूल बताया था। लेकिन बाद में कंपनी ने पंखूड़ी का कैप उखड़ने का कारण धूलभरी आंधी को बता दिया।

उल्लेखनीय है कि साल, 2011 में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में इसी हेलीकॉप्टर में सवार होकर जा रहे थे। बीच रास्ते में ही हेलीकॉप्टर की पंखूड़ी का कैप उखड़ने से चूरू जिले के एक गांव में आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी। सीएम बाल-बाल बचे थे। कंपनी ने तकनीकी खराबी बताया था। उसके बाद से इसे वीआईपी की यात्रा के लिए बंद कर दिया गया और फिर इसको बेचने का फैसला किया गया। यह कई बार कोशिश करने के बावजूद नहीं बिक सका है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ कंपनियों से बातचीत जारी है। 


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