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राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना में फर्जीवाड़ा, किसानों के नाम से अफसरों ने चहेतों को बांटा लोन

राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ लेने के चक्कर में सरकारी अधिकारियों ने किसानों के नाम पर अपने रिश्तेदारों को लोन दिलवा दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 02:20 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 02:20 PM (IST)
राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना में फर्जीवाड़ा, किसानों के नाम से अफसरों ने चहेतों को बांटा लोन
राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना में फर्जीवाड़ा, किसानों के नाम से अफसरों ने चहेतों को बांटा लोन

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ लेने के चक्कर में सरकारी अधिकारियों ने किसानों के नाम पर अपने रिश्तेदारों को लोन दिलवा दिया। वहीं कर्ज माफी की सूची में कई ऐसे नाम भी शामिल कर लिए गए,जिन्होंने लोन लिया ही नहीं और वे आर्थिक रूप से सम्पन्न है। उन्हे अधिकारियों ने माफ होने वाली रकम में से हिस्सा देने का लालच दिया।

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मामले का खुलासा तब हुआ जब कर्ज माफी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सहकारी विभाग की टीम गांवों में जांच करने पहुंची । यहां टीम की जानकारी में आया कि कर्ज माफी की सूची में ऐसे किसानों के नाम शामिल कर लिए गए जिन्होंने कभी बैंकों से लोन लिया ही नहीं।

मामला सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए है। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने प्रारम्भिक जांच के बाद स्थानीय स्तर के आधा दर्जन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। उधर किसान संगठनों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से मामले की जांच कराने की मांग की है।

आधा दर्जन जिलों में हुआ घोटाला

सहकारी बैंकों,ग्राम सेवा सहकारी समितियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के नाम पर लोन उठाकर अपने रिश्तेदारों को दिलवा दिया। घोटाले का सबसे पहले आदिवासी जिले डूंगरपुर में सामने आया और फिर उसके बाद प्रतापगढ़,टोंक,भरतपुर और चूरू जिलों में इसी तरह के मामले सामने आए। डूंगरपुर के गामड़ा मल्टीपरपज को-आॅपरेटिव सोसायटी के व्यवस्थापक ने 263 किसानों को आधार कार्ड नहीं होने के कारण लोन नहीं दिया और उनके स्थान पर अन्य लोगों को एक करोड़ 44 लाख रूपए का लोन दे दिया।

इसी तरह जेठाणी और गोवाड़ी की सोसायटी में भी 110 किसानों के नाम पर दूसरे लोगों को 70 करोड़ रूपए का लोन दे दिया गया । डूंगरपुर के ही सागवाड़ा में सहकारी समिति के व्यवस्थापक ने अपनी बेटी और भांजे को लोन दे दिया। भरतपुर जिले के धीमरी,लुहेसर सहित कई गांवों में कॉ-ऑपरेटिव बैंकों के मैनेजरों ने किसानों के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर अपने चहेतों को लोन दे दिया। चूरू जिले के दस गांवों में इसी तरह का मामला सामने आया है।

सरकार बोली जांच कराएंगे

सीएम अशोक गहलोत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए है। राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है । सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज.के पवन ने बताया कि शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच टीम भेजी गई है।  


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