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Rajasthan: सरकार कोर्ट में नहीं बता सकी, पक्षियों की मौत का कारण

सरकार कोर्ट में नहीं बता सकीपक्षियों की मौत का कारण हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कमेटी गठन का किया फैसला

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 01:49 PM (IST)
Rajasthan: सरकार कोर्ट में नहीं बता सकी, पक्षियों की मौत का कारण
Rajasthan: सरकार कोर्ट में नहीं बता सकी, पक्षियों की मौत का कारण

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने का फैसला किया है। स्वप्रेरण प्रसंज्ञान से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंदजीत महांत और जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने कमेटी में शामिल किए जाने वाले विशेषज्ञों को लेकर राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं न्यायमित्र से नाम मांगे हैं ।

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दरअसल, पिछले साल के बाद इस वर्ष एक बार फिर मई माह में सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत का मामला सामने आया तो न्यायमित्र विनीत जैन ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया था। सुनवाई के दौरान सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौतो के मामले में राज्य सरकार अब तक मौत का कारण पता नहीं कर नहीं हो पाने की बात कही । राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया कि मृत पक्षियों के शव सड़ जाने के चलते उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया और उनकी मौतों कारण भी पता किया जा सकता ।

वहीं घायल पक्षी की मौत हो जाने पर उसका पोस्टमार्टम किया गया । सरकार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए बताया कि पक्षियों की मौत वायरस की वजह से हुई लेकिन यह नहीं बताया कि कौनसे वायरस की वजह से हुई । सरकार ने यह भी नहीं बताया कि किस तरह का वायरस इंफेक्शन था और वायरस का नेचर क्या था । इस पर कोर्ट ने नाराजती जताई ।

सुनवाई के दौरान न्याय मित्र नितिन जैन ने कोर्ट को बताया कि जल्दी ही बारिश के कारण साभंर झील में पानी आएगा और मानसून समाप्त होने के कुछ दिनों के बाद से प्रवासी पक्षियों का आना भी फिर से शुरु हो जाएगा । इस कारण आने वाले सीजन में इन प्रवासी पक्षियों को मौत से बचाने के लिए जरुरी उपाय करना बहुत आवश्यक है । उन्होंने कहा कि पक्षियों की मौत की वजह केमिकल झील में डालना और अवैध खनन है । मामले पर अब सुनवाई 27 जुलाई को होगी । 


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