राजस्थान की बेटी : मात्र 13 वर्ष की उम्र में कैलीग्राफी की सफल शिक्षक बनीं गौरी, प्रधानमंत्री ने दिया बाल पुरस्कार
कैलीग्राफी के क्षेत्र में गौरी ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। कैलीग्राफी को दुनिया में एक कला के रूप में अपनाया जा रहा है। कंप्यूटर पर भले ही विभिन्न डिजाइनों के शब्द हों लेकिन कम्प्यूटर के मुकाबले हाथ से लिखावट का अपना ही महत्व है।
अजमेर, संवाद सूत्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करने वालों की सूची में राजस्थान से एकमात्र अजमेर की 13 वर्षीय छात्रा गौरी माहेश्वरी अब दुनिया में अजमेर को गौरवांवित करने का सपना बुन रही है। गौरी कहती है कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कैलीग्राफर बनना चाहती है। गौरी को सांसद भागीरथ चौधरी ने शॉल ओढ़ाकर और मुंह मीठा कराकर उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
गौरी अजमेर के मेयो गर्ल्स स्कूल की 8वीं कक्षा की छात्रा है। कैलीग्राफी के क्षेत्र में गौरी ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। कैलीग्राफी को दुनिया में एक कला के रूप में अपनाया जा रहा है। कंप्यूटर पर भले ही विभिन्न डिजाइनों के शब्द हों, लेकिन कम्प्यूटर के मुकाबले हाथ से लिखावट का अपना ही महत्व है। गौरी को सुंदर लिखावट का शुरू से ही शौक रहा है। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए गौरी का चयन इसलिए भी हुआ कि मात्र 13 वर्ष की उम्र में वह कैलीग्राफी की सफल टीचर है।
देश दुनिया में 15 सौ से ज्यादा युवाओं ने गौरी से कैलीग्राफी सीखी है। स्कूल की पढ़ाई के साथ साथ गौरी ऑनलाइन क्लास लेकर युवाओं को कैलीग्राफी सिखाती है। गौरी के स्टूडेंट में 65 वर्ष के बुजुर्ग भी शामिल हैं। गौरी स्वयं का यूट्यूब चैनल भी चला रही है। कैलीग्राफी के क्षेत्र में गौरी को अब तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं। गौरी का कहना है कि राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करना उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित है और अब चाहती है कि दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कैलीग्राफर बने।
गौरी की माता मीनाक्षी माहेश्वरी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने पर बेहद खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी शुरू से ही प्रतिभावान रही है। गौरी माहेश्वरी के पिता गौरव माहेश्वरी का अजमेर में परबतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में टेक्सटाइल और केमिकल का कारोबार है। गौरव माहेश्वरी ने बताया कि गौरी ने अपने एनजीओ के माध्यम से राम मंदिर निर्माण के लिए भी आर्थिक सहयोग दिया है। पुरस्कार में जो एक लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है, उसे भी समाजसेवा के कार्यों पर ही खर्च किया जाएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह से गौरी माहेश्वरी और उनका परिवार अजमेर के एनआईसी केंद्र से वर्चुअल तकनीक से जुड़ा। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित केंद्र में समारोह के समय जिला कलक्टर अंशदीप भी मौजूद रहे।
मंगलवार को सांसद भागीरथ चौधरी ने गौरी माहेश्वरी को सांसद कार्यालय में बुलाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने गौरी को मुंह मीठा कराकर बधाई दी। सांसद चौधरी ने कहा कि हमारी बेटिया अपने आत्मविश्वास और हौंसले से समाज को नई दिशा और उंचाई प्रदान कर रही हैं। हमें इनपर फक्र है यही हमार गौरव है। सांसद चौधरी को गौरी के पिता ने बताया कि बचपन में जब गौरी ने कैलीग्राफी सीखने की इच्छा व्यक्त की थी तो उनके अध्यापक ने गौरी द्वारा ठीक से पैन नहीं पकड़ पाने के कारण कैलीग्राफीसीखने के प्रति शंका दर्शाई थी। किन्तु गौरी की लगन ही उसे इस मुकाम तक पहुंचा पाई।