Rajasthan: नेताजी की जयंती पर अशोक गहलोत बोले, कुछ ताकतें नौजवानों को गुमराह कर रही हैं
Rajasthan नेताजी की जयंती पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कुछ ताकतें हमारे नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को बुझा दिया गया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कुछ ताकतें हमारे नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को बुझा दिया गया है। पिछले 70 साल में अर्जित की गई देश की उपलब्धियों को नकारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जिस राह पर देश चल रहा है, उसे देखते हुए नौजवान पीढ़ी हमारी संस्कृति और परंपराओं के बारे में अध्ययन करें। गहलोत रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में शांति व सद्भाव कायम करने की जरूरत है। अनेकता में एकता वाले मुल्क में कुछ ताकतें हमारे नौजवानों को गुमराह कर रही है। धर्म और जाति के आधार पर नई पीढ़ी आपस में लड़ाने वाली ताकतों को कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रास्ते पर चलते हुए गुमराह करने वाली ताकतों से सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के माहौल में देश में सहिष्णुता की भावना कम होती जा रही है। असहमति व्यक्त करने वालों को देशद्रोही बताते हुए जेल में भेजा जा रहा है। इस मौके पर शिक्षा मंत्री डा. बीडी कल्ला और विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स ने भी विचार व्यक्त किए।
देश के लिए नेताजी के महत्वपूर्ण योगदान पर हर भारतीय को गर्व: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए रविवार को कहा कि हर भारतीय को देश के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान पर गर्व है। मोदी ने लोगों को 'पराक्रम दिवस' की शुभकामनाएं भी दीं। सरकार ने आजाद हिंद फौज के संस्थापक बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। हर भारतीय को देश के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान पर गर्व है।' प्रधानमंत्री ने शाम को इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण भी किया। यह 28 फीट ऊंची और छह फीट चौड़ी है। बाद में इसके स्थान पर ग्रेनाइट की बनी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।