Ashok Gehlot Health Update: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार
Ashok Gehlot Health Update जांच रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सकों ने माना कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। इस बीच अजय माकन ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वास्थ्य खराब नहीं होता तो मंत्रिमंडल का विस्तार हो गई होता।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली स्थित एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के पूर्व प्रमुख डा. विनय बहल, एसएमएस मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. सुधीर भंडारी, वरिष्ठ चिकित्सक डा. विजय पाठक, राजीव बगरत्ता, डा. अनूप ने सीएम अशोक गहलोत के स्वास्थ्य की जांच की। जांच रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सकों ने माना कि सीएम गहलोत के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। जांच रिपोर्ट सही है। इधर, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वास्थ्य खराब नहीं होता तो विधानसभा सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार और राजनीतक नियुक्तियां हो गई होतीं। अब कुछ समय के लिए इस पर ब्रेक लग गया है। सीएम का स्वास्थ्य ठीक होने के बाद ही काम आगे बढ़ेगा। पूरा रोडमैप तैयार है। सीएम का स्वास्थ्य ठीक होने का इंतजार है।
अजय माकन ने क्रास वोटिंग की रिपोर्ट मांगी
माकन ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का क्या करना है, यह कांग्रेस अध्यक्ष को तय करना है। यह मेरे स्तर की बात नहीं है। माकन बृहस्पतिवार को दिल्ली में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश सीएम का स्वास्थ्य खराब होने के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है। विधानसभा सत्र चल रहा है, लेकिन गहलोत अभी घर से ही फाइल निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटियों में अध्यक्षों की नियुक्ति मंत्रिमंडल विस्तार के बाद होगी। तय किया गया है कि कब क्या करना है, सब काम तय योजना के अनुसार होंगे। जयपुर जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस के सदस्यों द्वारा की गई क्रास वोटिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।
गौरतलब है कि सचिन पायलट लगातार कांग्रेस आलाकमान पर इस बात का दबाव बना रहे हैं कि उनसे किया गया वादा पूरा होना चाहिए। पायलट का कहना है कि पिछले साल उनकी बगावत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, स्वर्गीय अहमद पटेल और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सत्ता और संगठन में उनके समर्थकों को समायोजित करने का वादा किया था, लेकिन एक साल से भी अधिक समय व्यतीत होने के बावजूद न तो मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सका और न ही राजनीतिक नियुक्तियां हुई हैं। पायलट अपने खेमे के चार से पांच विधायकों को मंत्री और राजनीतिक नियुक्तियों में अशोक गहलोत समर्थकों के समान महत्व चाहते हैं। पायलट के दबाव के बीच आलाकमान ने कई बार गहलोत को मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करने का संदेश भी दिया, लेकिन वह फिलहाल यह सब करने के मूड में नजर नजर नहीं आ रहे हैं।