मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने की बात कही
अशोक गहलोत ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है। उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की इंटेलिजेंस विंग को अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति की व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। बुधवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कामकाज की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकारी ठेकों और खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
उन्होंने कहा कि फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी का गलत तरीके से रिफंड उठाने के कई मामले पिछले दिनों सामने आए हैं। ऐसे मामलों में वित्त विभाग के सहयोग से एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मिलकर काम करे। चिटफंड कंपनियों पर भी नियमित तौर पर निगरानी की जाए। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि आम लोगों के लिए एक कॉमन फोन नंबर दिया जाएगा,जिससे कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकेगा । शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा ।
गहलोत सरकार का प्रचार करेगी प्राइवेट कंपनी
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है। अब तक यह काम राज्य सरकार का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग करता था, लेकिन अब गहलोत सरकार ने निजी कंपनी पर भरोसा किया है। ये निजी कंपनी सरकार से 10 करोड़ लेकर सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार प्रदेश के अंदर और बाहर करेगी।
यह कंपनी सरकार के विभिन्न विभागों के साथ तालमेल करते हुए अपना काम करेगी। कंपनी मुख्यमंत्री और मंत्रियों का भी प्रचार करेगी। कंपनी सरकार की योजनाओं का प्रचार करने के साथ ही मीडिया में सरकार से जुड़े खबरों का प्रकाशन होने पर उनका जवाब भी तैयार करेगी। कंपनी के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहेंगे।