कम होने के बजाय बढ़ रही राजस्थान भाजपा की खेमेबाजी, विधायक दल की बैठक में भी नहीं पहुंची वसुंधरा राजे
राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पहले गहलोत सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने को लेकर हुई विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे के नहीं पहुंचने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे। उनके समर्थक विधायक भी कम संख्या में पहुंचे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान भाजपा में खेमेबाजी कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है । एक तरफ जहां प्रदेश नेतृत्व के कामकाज के तरीके से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जहां पूर्वी राजस्थान का दौरा करने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ खुद को मजबूत करने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी खेमेबाजी के चलते वसुंधरा राजे मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुई।
बुधवार से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पहले अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने को लेकर मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे के नहीं पहुंचने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इससे पहले वे पिछले दिनों राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह द्वारा ली गई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में भी नहीं पहुंची थी। विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे तो नहीं पहुंची, लेकिन उनके समर्थक विधायक भी कम संख्या में पहुंचे। वसुंधरा राजे समर्थक जो विधायक बैठक में पहुंचे वे प्रदेश अध्यक्ष व विपक्ष के नेता के भाषण से पहले ही निकल गए। हालांकि वसुंधरा राजे ने कटारिया का फोन पर अपनी पुत्रवधु का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की बात कह कर बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी।
वसुंधरा राजे समर्थक एक विधायक का कहना है कि यह तो केवल एक बहाना है वे पूनिया और कटारिया की अध्यक्षता में होने वाली किसी बैठक में शामिल नहीं होना चाहती है। बैठक में विधायकों से एकजुटता से सरकार के खिलाफ मुद्दे उठाने पर चर्चा हुई। विधायकों से अधिक से अधिक सवाल लगाने के लिए कहा गया। बैठक के बाद पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार को सदन और सदन के बाहर घेरा जाएगा। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था,भ्रष्टाचार,बेरोजगारी और किसान कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
वसुंधरा समर्थकों ने प्रदेश नेतृत्व को घेरा
कोटा संभाग के वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने आलाकमान से कहा है कि जिन लोगों ने अपने खून-पसीने से पार्टी को सींचा है उनकी अनदेखी की जा रही है। अगर यही हालात रहे तो कोटा संभाग में पार्टी रसातल पर पहुंच जाएगी। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी, बाबूलाल वर्मा, पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, जन अभाव अभियाग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकिशन पाटिदार और पूर्व विधायक विघाशंकर नंदवाना ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि प्रदेश संगठन में व्यक्ति विशेष के इशारे पर फैसले हो रहे हैं। उन्होंने आलाकमान को आगाह किया कि पार्टी के अभेद गढ़ कोटा संभाग में अगर यही हालात रहे तो पार्टी की नाव डूबने से कोई ताकत नहीं बचा सकेगी। इन नेताओं ने कहा कि नगर निगम चुनाव में भाजपा को हराकर कांग्रेस ने जीत का परचम पहराया। बूंदी में जिला प्रमुख तक नहीं बनाया जा सका।