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Rajasthan Politics: राजस्थान भाजपा में दो फाड़, वसुंधरा समर्थकों ने जिला स्तर पर बनाई अपनी टीम

Rajasthan Politics राजस्थान भाजपा के संगठन पर वसुंधरा राजे के विरोधियों की मजबूत पकड़ और आलाकमान द्वारा उन्हे प्राथमितकता दिए जाने से नाराज वसुंधरा समर्थकों ने जिला स्तर पर अपनी टीम बना ली है । टीम में उनके कट्टर समर्थकों को शामिल किया गया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:28 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:28 AM (IST)
Rajasthan Politics: राजस्थान भाजपा में दो फाड़, वसुंधरा समर्थकों ने जिला स्तर पर बनाई अपनी टीम
राजस्थान भाजपा में पूरी तरह से दो फाड़ नजर आने लगी है

 जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान भाजपा में पूरी तरह से दो फाड़ नजर आने लगी है। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है तो दूसरा खेमा उनके विरोधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नेताओं का है । प्रदेश भाजपा के संगठन पर वसुंधरा राजे के विरोधियों की मजबूत पकड़ और आलाकमान द्वारा उन्हे प्राथमितकता दिए जाने से नाराज वसुंधरा समर्थकों ने जिला स्तर पर अपनी टीम बना ली है। भाजपा की जिला इकाईयों के समानान्तर वसुंधरा राजे के समर्थकों ने अपनी टीम बनाई है । 

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 वसुंधरा राजे समर्थक मंच के नाम से बनाई गई टीम में उनके कट्टर समर्थकों को शामिल किया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी के समानान्तर इस तरह की टीम बनाए जाने की शिकायत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा सहित अन्य राष्ट्रीय नेताओं से की है। पूनिया का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से आलाकमान की जानकारी में है । 

 दरअसल,दो साल पहले भाजपा के सत्ता से हटने के बाद वसुंधरा राजे और उनके समर्थक खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं । संगठन के महत्वूपर्ण निर्णयों में उनकी राय तक नहीं ली जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश से लेकर जिला व मंडल स्तर तक वसुंधरा राजे के विरोधियों को पार्टी मेें प्राथमिकता दी है। इनमें से अधिकाशं संघ पृष्ठभूमि से जुड़े लोग शामिल है।

 केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य विधानसभा मे प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया,उप नेता राजेंद्र राठौड़ व संगठन महासचिव चंद्रशेखर का पूनिया को समर्थन हासिल है। पूनिया, कटारिया व राठौड़ ने दिल्ली जाकर वसुंधरा राजे  की मौन स्वीकृति से उनके समर्थकों  द्वारा पार्टी के समानान्तर की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी और कहा कि इससे संगठन को नुकसान हो सकता है। तीनों नेताओं ने वसुंधरा राजे और उनके समर्थकोंं पर लगाम लगाने का आग्रह किया बताया।

 इन नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा कि वसुंधरा राजे समर्थक मंच में शामिल लोगों का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है । वहीं मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय भारद्वाज का कहना है कि मैं पिछले 15 साल से भाजपा में हूं । उन्होंने कहा कि हम तो वसुंधारा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इससे भाजपा को फायदा होगा और वसुंधरा राजे तीन साल बाद फिर मुख्यमंत्री बनेंगी। उन्होंने कहा कि 33 में से 25 जिलों में हमारी टीम बन गई है।

दोनों खेमें खुद को मजबूत करने में जुटे

वर्तमान में भाजपा के 73 विधायक हैं । इनमें से 35 विधायक वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक हैं । वहीं शेष 40 विधायक भाजपा संगठन व संघ पृष्ठभूमि कें है । वसुंधरा राजे समर्थक विधायक समय-समय पर अपनी ताकत दिखाते रहे हैं । अशोक गहलोत सरकार में संकट के समय जब प्रदेश भाजपा ने अपने विधायकों को गुजरात ले जाने का निर्णय लिया तो वसुंधरा समर्थक विधायकों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था । उधर पूनिया और उनके सार्थियों को संगठन के पुराने नेताओं का समर्थन हासिल है ।


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