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बिना मांगे सूचना देने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान

Rajasthan Government. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के बिड़ला सभागार में जन सूचना पोर्टल 2019 लांच किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 04:19 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 04:19 PM (IST)
बिना मांगे सूचना देने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान
बिना मांगे सूचना देने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में अब अफसरों की इच्छा पर निर्भर नहीं होगा कि आरटीआई में कौन सी सूचना देनी है और कौन सी छिपानी है। प्रदेश के सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में जन सूचना पोर्टल 2019 लांच किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद थे।

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इस पोर्टल के माध्यम से प्रारंभ में आम जनता से जुड़े 13 सरकारी विभागों की 23 योजनाओं की जानकारी अब एक ही क्लिक पर मिल सकेगी। धीरे-धीरे अन्य विभागों की योजनाओं को जोड़ा जाएगा। इस पोर्टल की शुरुआत होने से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित होगी। वहीं, आम लोगों को एक ही जगह पर सूचनाएं अपने आप उपलब्ध होगी। लोगों को किसी तरह की जानकारी लेने के लिए आरटीआई लगाने की आवश्यक्ता नहीं होगी।

गहलोत ने दावा किया कि आरटीआई एक्ट के तहत इस तरह का पोर्टल बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। सरकार ने स्वप्रेरणा से आमजन को सूचनाए उपलब्ध कराने के लिए यह पोर्टल लांच किया है, ताकि लोगों को कम से कम सूचना के अधिकारी अधिनियम 2005 का उपयोग करना पड़े। उन्होंने कहा कि पोर्टल के अलावा सरकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए जन सूचना पोर्टल मोबाइल एप भी विकसित किया जा रहा है, ताकि मीनिमम गर्वेमेंट-मैक्सिमम गर्वेनेंस की कल्पना साकार हो सके।

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार कानून में बदलाव किए हैं, लोगों को इस बदलाव पर शंका है। पायलट ने कहा कि ऐसे काम के लिए इच्छा शक्ति होनी चाहिए। इससे आम लोगों को फायदा होगा। मैग्सेसे अवार्ड विजेता अरूणा राय ने "दैनिक जागरण" से कहा कि आरटीआई कानून के तहत जन सूचना पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक विभाग की जानकारी उपलब्ध कराना बड़ा कदम है। यह पोर्टल ऐसी खिड़की साबित होगी, जो अधिकारियों को ही सूचना ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए बाध्य करेगी।

पोर्टल से जुड़े जनता से जुड़े विभाग व योजनाएं

पोर्टल से आम जनता से जुड़े 13 विभागों को जोड़ा गया है। इनमें ऊर्जा, शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग, श्रम व रोजगार विभाग, खान विभाग, राजस्व विभाग, खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग, सहकारिता विभाग, ऊर्जा विभाग, आयोजना, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग व प्रशासनिक सुधार विभाग जुड़े हुए हैं।

पोर्टल पर महात्मा गांधी नरेगा (मनरेगा), ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौचमुक्त लाभार्थियों, पंचायतीराज संस्थाओं के विकास कार्य, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा व जांच योजना, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान, स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों की जानकारी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही सूचना के अधिकार (आरटीआई) की जानकारी, खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की जानकारी, उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी, राशनकार्ड धारकों की जानकारी,किसान कर्ज माफी ,वन अधिकार अधिनियम, विशेष योग्यजनों के बारे में सूचनाएं उपलब्ध होंगी।

इसी प्रकार अल्पकालीन फसली ऋण 2019 के वितरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन व तिलहन खरीद, शालादर्पण व शाला दर्शन की सूचनाएं,सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों, पालनहार योजना, ई-मित्र कियोस्को, क्लीयरेंस रिपोर्ट जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट, राज्य निवासी डेटा रिपोजिटरी कार्ड धारको, राजस्व गिरदावरी की नकल, सामुदायिक वन अधिकार व विद्युत उपभोक्ताओं से संबंधित जानकारी भी इस पोर्टल पर मिलेगी।

ये भी रहे मौजूद

जन सूचना पोर्टल लांच करने को लेकर आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एपी शाह, देश के प्रथम सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे सहित कई लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

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