Rajasthan Assembly Session: राजस्थान विधानसभा का सत्र कल से, सीएम करेंगे डिजिटल म्यूजियम का उद्घाटन
Rajasthan Assembly Session. दस करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक म्यूजियम बनाया गया है। देश की आजादी में राजस्थान के योगदान को भी म्यूजियम में दिखाया जाएगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Assembly Session. राजस्थान विधानसभा का सत्र गुरुवार से शुरू होगा। सत्र तीन से चार दिन चलने की उम्मीद है। सत्र के पहले दिन गुरुवार को संविधान को अंगीकार करने की वर्षगांठ पर विशेष चर्चा होगी। दरअसल, 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अंगीकार किया गया था। गुरुवार को ही राजस्थान की लोकतांत्रिक यात्रा पर तैयार किए गए डिजिटल म्यूजियम का उद्घाटन होगा।
म्यूजियम का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे और अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी करेंगे। करीब 21 हजार वर्गफीट में तैयार किए गए इस म्यूजियम में राजस्थान के निर्माण में भागीदार रहे नेताओं का सचित्र वर्णन किया जाएगा। दस करोड़ रुपये की लागत से यह अत्याधुनिक म्यूजियम बनाया गया है। देश की आजादी में राजस्थान के योगदान को भी म्यूजियम में दिखाया जाएगा। विधानसभा का विधायी कार्य शुक्रवार से शुरू होगा।
इस बार खासा चर्चित रहा राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र
राजस्थान विधानसभा में मौजूदा सरकार का पहला बजट सत्र खासा चर्चित हुआ। पहली बार सदन की पूरी कार्यवाही का यूटयूब पर जीवंत प्रसारण हुआ, वहीं प्रश्नकाल में भी औसतन दस से बारह प्रश्नों पर चर्चा हुई। स्पीकर सी पी जोशी की सख्ती से विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष भी काफी परेशान दिखा।
बजट सत्र 27 जून से शुरू हुआ था और पहले दिन से ही स्पीकर जोशी की सख्ती चर्चा में आ गई थी। विधानसभा की कार्यवाही कवर करने वाले मीडिया के प्रवेश पत्रों में भारी कटौती कर दी गई। मंत्रियों और विधायकों के साथ आने वाले लोगों के पास भी कम कर दिए गए। इससे स्पीकर का मीडिया और विधायकों व मंत्रियों से टकराव शुरू हो गया। मीडिया ने प्रेस दीर्घा का कई दिनों तक बहिष्कार किया।
स्पीकर ने चर्चा के मामले में सख्ती बनाए रखी। एक बार तो सीधे स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच तकरार हो गई। विपक्ष के सदस्यों से तो कई बार स्पीकर का टकराव होता रहा। विपक्ष ने तीन चार दिन तक अलग-अलग तरह से प्रश्नकाल का बहिष्कार किया। बाद में स्पीकर ने अपनी व्यवस्था में थोड़ी रियायत दी।
इस बार सरकार ने पांच अहम कानून पारित कराए। इनमें विश्वविद्यालयों के कुलतियों को हटाने का अधिकार सरकार को दिए जाने, मंत्री पद से हटने के बाद सरकारी बंगला खाली नहीं करने पर दस हजार रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगाए जाने, प्रदेश में हुक्का बारों पर रोक, उन्मादी भीड़ की हिंसा पर रोक तथा ऑनर किलिंग पर रोक से जुड़े विधेयक शामिल हैं।
ये नए काम होते दिखे विधानसभा में
-विधायकों के प्रश्न ही नहीं विभागों के प्रतिवेदन अदि भी ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए और कागज की बचत की गई।
-किसी भी विधेयक को सदन में रखने के सात दिन बाद ही उस पर चर्चा, ताकि विधायक बेहतर ढंग से तैयारी कर सकें।
-मंत्रियों के लिए शून्यकाल तक सदन में ही मौजूद रहने की अनिवार्यता।
-नए विधायकों के लिए एक दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- कई प्रश्नों और मुददों पर खुद स्पीकर ने सरकार को दिए निर्देश।