कर्जभार से जूझती गहलोत सरकार का कर्मचारियों को बोनस देना मुश्किल
कर्मचारी दीपावली बोनस का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वित्त विभाग की तरफ से कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। कोरोना में पहले ही सरकार अपने कर्मचारियों की वेतन कटौती कर रही है ऐसे में अब कर्मचारियों को इस बात का डर है कि कहीं बोनस भी मिलेगा या नहीं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। करीब साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को इस बार राजस्व काफी कम मिला है। राजस्व हासिल करने वाले आबकारी, सेल्सटैक्स,स्टाम्प एंड रेवेंन्य व खनन विभाग से उम्मीद के मुताबिक कलेक्शन नहीं हो सका। ऐसे में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दीपावली पर बोनस मिलेगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है।
बोनस के इंतजार में कर्मचारियों को नहीं मिल रहा कोई संकेत
कर्मचारी दीपावली बोनस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन वित्त विभाग की तरफ से अब तक इसे लेकर कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। कोरोना महामारी में पहले ही सरकार अपने कर्मचारियों की वेतन कटौती कर रही है ऐसे में अब कर्मचारियों को इस बात का डर है कि कहीं बोनस भी मिलेगा या नहीं। कर्मचारी संगठन बोनस की मांग करने लगे हैं।
कई संगठन सौंप चुके हैं ज्ञापन
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ, सचिवालय कर्मचारी संघ सहित कई संगठन इसे लेकर राज्य सरकार को ज्ञापन सौंप चुके हैं। जानकारी के अनुसार सरकार में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ही सितंबर तक टैक्स कलेक्शन लगगभ 5 हजार करोड़ रुपए कम रहा है और राज्य सरकार को अपना खर्च चलाने के लिए उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है। अब कर्मचारियों को सरकार बोनस देती है तो उसे करीब 450 करोड़ रुपए का बंदोबस्त करना होगा।
तबादलों पर आगामी आदेश तक बैन
सरकार की मुश्किल यह है कि एक तरफ तो कर्मचारी वेतन में कटौती से पहले से ही नाराज है और अब यदि बोनस नहीं दिया गया तो उनकी नाराजगी अधिक बढ़ जाएगी। उधर राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के तबादलों पर आगामी आदेश तक बैन लगा दिया है। सरकार ने 15 सितंबर से तबादलों पर रोक हटाई थी। पूर्व में जारी आदेश के अनुसार 31 अक्टूबर को बैन लगाया जाना था, लेकिन सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किये हें ।