Move to Jagran APP

Panipat Film: फिल्मों के विरोध के लिए चर्चित होता जा रहा है राजस्थान

Rajastha पानीपत फिल्म का विरोध जारी मुख्यमंत्री ने कहा सेंसर बोर्ड हस्तक्षेप करे भरतपुर में बाजार रहे बंद। जयपुर में सिनेमाहाॅल में तोड़-फोड़ ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 02:57 PM (IST)
Panipat Film: फिल्मों के विरोध के लिए चर्चित होता जा रहा है राजस्थान
Panipat Film: फिल्मों के विरोध के लिए चर्चित होता जा रहा है राजस्थान

जयपुर, मनीष गोधा। समृद्ध एतिहासिक विरासत के लिए पहचाने जाने वाला राजस्थान अब फिल्मों के विरोध के लिए चर्चित होता जा रहा है। एतिहसिक फिल्मों का यहां रिलीज हो पाना आसान नहीं रह गया है। आशुतोष गोवारिकर की फिल्म “पानीपत“ राजस्थान में फिल्मों पर होने वाले विवाद की नई कड़ी है। इससे पहले जोधा अकबर, पदमावत और मणिकर्णिका में विवाद सामने आ चुके है।

loksabha election banner

फिल्म पानीपत की रिलीज के बाद से राजस्थान में इस फिल्म का विरोध किया जा रहा है। राजस्थान का जाट समुदाय फिल्म में भरतपुर के महाराजा सूरजमल के चित्रण से नाराज है और उसका मानना है कि यह महाराजा सूरजमल जैसे व्यक्ति के छवि खराब करने का प्रयास है।

जोधा अकबर से बढ़ा सिलसिला-

राजस्थान में फिल्मों को लेकर विवाद फिल्म जोधा अकबर के समय से ज्यादा बढे है। यह भी आशुतोष गोवारिकर की ही फिल्म थी और राजस्थान के राजपूत समुदाय ने इसे लेकर कड़ा विरोध किया था और कहा था कि इसके जरिए राजपूत महिलाओं की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही हैै। विरोध यहां तक हुआ कि फिल्म आज तक राजस्थान में रिलीज नहीं हो पाई है।

इसके बाद फिल्म पदमावत को लेकर बड़ा विवाद सामने आया। फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ यहां मारपीट तक हो गई और हालात यह बने कि सेंसर बोर्ड ने तीन इतिकासकारों को दिखाने के बाद यह फिल्म रिलीज की। कुछ ऐसा ही पिछले दिनों आई मणिकर्णिका के साथ हुआ, हालांकि यह विवाद ज्यादा नहीं फैला और फिल्म रिलीज हो गई। अब इस कड़ी में नया नाम पानीपत का जुड़ा है।

इन फिल्मों से जुड़े विवाद भी रहे चर्चित-

एतिहासिक के साथ ही कुछ अन्य फिल्मों से जुडे विवाद भी चर्चित रहे। इनमें एक विवाद निर्देशक जगमोहन मूंदडा की फिल्म “बवंडर“ को लेकर सामने आया था। यह फिल्म साथिन भंवरी देवी के दुष्कर्म कांड पर बनी थी। भवंरी देवी दुष्कर्म कांड पूरे देश में चर्चित हुआ था। फिल्म को लेकर खुद भंवरी देवी ने आपत्ति प्रकट की थी और कहा था कि कहानी के बारे में उनसे चर्चा नहीं की गई। इसी तरह राजस्थान के ही एक और चर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले पर बनी फिल्म पर भी विवाद हुआ था। इस पर निर्देशक के.सी बोकाडिया ने “डर्टी पाॅलिटिक्स“ नाम से फिल्म बनाई थी और पोस्टर पर राजस्थान विधानसभा का चित्र इस्तेमाल कर लिया था। अब हाल में रानी मुकर्जी की फिल्म मर्दानी 2 का विरोध सामने आया है। इसमें कोटा शहर की पृष्ठभूमि पर कहानी कही गई है और कोटा के लोगों का कहना है कि फिल्म में जो दिखाया गया है, वैसा कभी कुछ कोटा में हुआ ही नहीं है। इससे कोटा की छवि खराब हो रही है।

ऐसी स्थितियां पहले नहीं थी-

जोधा अकबर से पहले भी कई एतिहासिक फिल्में बनी है, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। राजस्थान के पुराने फिल्म वितरक नंदू जालानी कहते हैं कि हमने ही राजस्थान में मुगले आजम भी रिलीज की थी, लेकिन आज यदि मुगले आजम बनती तो रिलीज करना इतना आसान नहीं होता। उनका मानना है कि पहले लोगों के बीच कोई भी बात इतनी तेजी से नहीं फैलती थी। इसके अलावा पहले फिल्म प्रदर्शन का तरीका भी दूसरा था। आज हालात बदल गए है। वहीं राजस्थान के वरिष्ठ फिल्म समीक्षक श्याम माथुर कहते हैं कि यह कई बार राजनीति और फिल्म के प्रचार से जुड़ा मामला भी हो जाता है। फिल्म का विरोध कहीं शुरू होता है और बाद में यह फिल्म के प्रचार का जरिया बन जाता है और इससे अंत में फिल्म को व्यवसायिक रूप से काफी फायदा भी होता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.