Move to Jagran APP

Farid Sabri Passes Away: कव्वाल फरीद कव्वाल साबरी का निधन

Farid Sabri Passes Away जयपुर के कव्वाल फरीद साबरी का बुधवार को निधन हो गया। मंगलवार देर रात तबीयत खराब होने पर परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:27 PM (IST)
Farid Sabri Passes Away: कव्वाल फरीद कव्वाल साबरी का निधन
कव्वाल फरीद कव्वाल साबरी का निधन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Farid Sabri Passes Away: बॉलीवुड की कई फिल्मों में सुपरहिट गीत गाने वाले जयपुर के कव्वाल फरीद साबरी का बुधवार को निधन हो गया। मंगलवार देर रात तबीयत खराब होने पर परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई। बुधवार दोपहर शहर के घाटगेट स्थित मस्कीनी शाह कब्रिस्तान में सुपुर्द एक खाक किया गया। फरीद साबरी के निमोनिया बिगड़ने के कारण मौत होने की बात सामने आई है। उन्हें डायिबिज की बीमारी थी, जिसके कारण किडनी और फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया। संक्रमण ज्यादा होने के कारण ही निमोनिया बिगड़ गया। फरीद साबरी ने देर ना हो जाए,हिना,सिर्फ तुम और इक मुलाकात जरूरी है सनम जैसे फिल्मों में गीत गाए।

loksabha election banner

फरीब साबरी और उनके भाई अमीन साबरी की पहचान साबरी ब्रदर्स के रूप में देशभर में थी। वे बेहतरीन कव्वाल माने जाते थे। उनके पिता सईद साबरी ने भी देश और दुनिया में बेहतरीन कव्वाली गाने वालों में शामिल थे।साबरी शहर के रामगंज इलाके में चौकड़ी गंगापोल में रहते थे। फरीद साबरी ने अपने पिता सईद साबरी और लता मंगेशकर के साथ मिलकर हिना फिल्म के लिए कव्वाली, देर न हो जाए,कहीं देर न हो जाए गीत गाया था। 

गौरतलब है कि इससे पहले 'तेरी जवानी बड़ी मस्त-मस्त है' समेत कई फिल्मी कव्वालियों में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाले गायक अफजाल साबरी के निधन के साथ एक सुरीला सुर भी खो गया है। प्यार किया तो डरना क्या, राजकुमार और गुलाम-ए-मुस्तफा जैसी मशहूर फिल्मों में कव्वाली को अपनी आवाज से सजा चुके अफजाल साहब का जाना कला व साहित्य दोनों के लिए बड़ा नुकसान है। मशहूर गायक अफजाल साबरी सात साल से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। मोहल्ला किला स्थित अपने पैतृक आवास पर गत दिनों उन्होंने अंतिम सांस ली। करीब 25 साल तक कला के क्षेत्र में धाक जमाने वाले अफजाल साहब का जन्म 1949 में संगीत के उस्ताद बशीर अहमद के यहां हुआ था। अफजाल साबरी ने अपने बड़े भाई इकबाल साबरी के साथ मिलकर गायकी का फन को निखारा। संगीत की शिक्षा हासिल कर दोनों ने बॉलीवुड का रुख किया और फिल्मों में कव्वाली गायन शुरू कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.