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Oxygen Concentrator: राजस्थान में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की महंगे दामों पर हुई खरीद, भाजपा ने साधा निशाना

Rajasthan राजस्थान मेडिकल सर्विस कारपोरेशन के महाप्रबंधक आलोक रंजन का कहना है कि लोगों की जान बचाना जरूरी था। कीमत देखने से पहले लोगों का जीवन जरूरी था। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सभी खरीद नियमानुसार हुई है। वहीं भाजपा ने निशाना साधा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 04 Jul 2021 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jul 2021 05:15 PM (IST)
Oxygen Concentrator: राजस्थान में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की महंगे दामों पर हुई खरीद, भाजपा ने साधा निशाना
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की महंगे दामों पर हुई खरीद, भाजपा ने साधा निशाना। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद में जमकर अनियमितता हुई है। सरकारी अधिकारियों ने जल्दबाजी में करीब 20 ऑक्सीजन हजार कंसंट्रेटर एक लाख रुपये तक में खरीद लिए, जबकि इनकी मूल कीमत 30 से 35 हजार ही थी। यह खरीद दलालों के माध्यम से की गई। इनमें से अधिकांश कंसंट्रेटर कोरोना का पीक गुजरने के बाद सरकार को मिले। इस मामले में राजस्थान मेडिकल सर्विस कारपोरेशन के महाप्रबंधक आलोक रंजन का कहना है कि लोगों की जान बचाना जरूरी था। कीमत देखने से पहले लोगों का जीवन जरूरी था। सभी खरीद नियमानुसार हुई है। आपात स्थिति के नाम पर कई कंसंट्रेटर चाइनीज भी सप्लाई हो गए, जो ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में कबाड़ में पड़े हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि महामारी में भी सरकारी अधिकारियों ने जमकर लूट मचाई। कमीशन लेकर महंगे कंसंट्रेटर सहित अन्य सामान खरीदा गया। अगर सही जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। 

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इधर, तीस-पैंतीस हजार रुपये के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक लाख में खरीदने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा है। शेखावत ने कहा कि गहलोत को अब "आपदा में भी भ्रष्टाचार कैसे करें" शीर्षक से किताब लिखनी चाहिए। शुक्रवार को अपने बयान में शेखावत ने कहा कि कोरोना में जब जनता की जान संकट में थी, तब राजस्थान सरकार राजनीति में लगी थी कि कैसे मौके का फायदा उठाकर मोदी और केंद्र की छवि बिगाड़ी जाए। उन्होंने कहा कि फिर गहलोत को मौका दिखा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की दलालों के जरिए खरीद से भी मुनाफा कमाया जा सकता है, इसलिए 30-35 हजार के कंसंट्रेटर एक लाख तक में खरीदे गए, जबकि पता था कि इन्हें कबाड़ में ही जाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं उन जागरूक विधायकों की सराहना करता हूं, जिन्होंने घटिया कंसंट्रेटर को सीधे ना कह दिया। जनता की सेवा के लिए दी जाने वाली राशि को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। शेखावत ने कहा कि महामारी में भी जिसे मुनाफा दिखे, वो व्यक्ति वो सरकार उन विदेशी आक्रांताओं की तरह है, जिन्होंने भारत की भोली-भाली जनता को शासन के नाम पर लूटा।


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