Rajasthan: घर में सो रही थी बच्ची, फाइनेंस कंपनी ने कर दिया मकान सीज; विधानसभा में गूंजा मामला
Rajasthan Assembly. मासूम घंटों भूख और प्यास से घर के अंदर ही तड़पती रही काफी प्रयासों के बाद बच्ची को बाहर निकाला जा सका।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Assembly. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक सुरेश रावत ने एक फाइनेंस कंपनी की संवेदनहीनता का मुद्दा उठाया। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने मकान सीज करते समय यह भी नहीं देखा कि अंदर नौ माह की बच्ची सो रही है। जिस परिवार को घर से बाहर किया वे लोग चिल्लाते रहे कि अंदर नौ माह की मासूम सो रही है, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। मासूम घंटों भूख और प्यास से घर के अंदर ही तड़पती रही, काफी प्रयासों के बाद बच्ची को बाहर निकाला जा सका।
शुक्रवार को विधायक सुरेश रावत इस बच्ची को विधानसभा में लेकर पहुंचे और रूपनगढ़ फाइनेंस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने शून्यकाल में यह मामला उठाया। विधायक रावत ने मीडिया को बताया कि बच्ची के दादा ने आठ लाख रुपये का फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था, कुछ रकम बकाया थी जिसको लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा था। कोर्ट से उन्हें स्टे मिला हुआ था, लेकिन फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी तीन दिन पहले अचानक अजमेर जिले के रूपनगढ़ पहुंचे और मकान को सीज कर दिया।
विधायक रावत ने कहा कि लोन नहीं चुकाने के चलते निजी फाइनेंस कंपनी ने मकान को सीज किया। इस दौरान परिजन गुहार लगाते रहे कि अंदर दुधमुंही बच्ची है। इसके बावजूद भी फाइनेंस कंपनी के लोगों ने बच्ची को अंदर बंद कर मकान को सीज कर दिया। इस दौरान न तो पुलिस और न ही प्रशासन ने कुछ किया। सभी लोग मूकदर्शक बने देखते रहे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सरकार को इस प्रकरण में जवाब देने के निर्देश दिए।
महिला आइएएस अधिकारियों का मामला विधानसभा में गूंजा
अजमेर जिले में तैनात चार महिला आइएएस अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया में दुष्प्रचार और ब्लैकमेलिंग का मामला विधानसभा में गूंजा। भाजपा विधायक अनिता भदेल ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि चार महिला आइएएस अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर चरित्र हनन करने वाली पोस्ट डाली गई। अपने काम निकलवाने के लिए एक तत्व ने ब्लैकमेल किया। चारों महिला अधिकारियों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है, लेकिन दोषी व्यक्ति के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, दोषी व्यक्ति के खिलाफ सरकार कोर्ट जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो महिलाओं का काम करना मुश्किल हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और वकील राजेश टंडन ने पिछले दिनों अजमेर जिले में तैनात चार महिला आइएएस अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया में शेयर की थी। अधिकारियों ने टंडन के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया। भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की एसोसिएशन ने टंडन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अपने खिलाफ कार्रवाई की आशंका को देखते हुए टंडन ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया।
स्कूली पाठ्यपुस्तक पेपर खरीद का मामला विधानसभा में उठा
राज्य के स्कूली पुस्तकों के लिए कागज खरीद में गड़बड़ी और ऊंची दरों पर खरीद का मामला विधानसभा में उठा। भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि रिसाइकिल पेपर की खरीद ऊंची दरों पर की गई। इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि राठौड़ ने यह मामला इसलिए उठाया है, क्योंकि वे भाजपा सरकार में शिक्षामंत्री रहे कालीचरण सराफ और वासुदेव देवनानी के खिलाफ बोलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार में गुजरात के व्यापारियों के दबाव में र्विजन पर्ल की जगह रिसाइकिल पेपर खरीदने का निर्णय लिया गया। यह काफी घटिया किस्म का था। उन्होंने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने तो कंपनी से पैसे ही ले लिए थे, लेकिन बाद में जब कंपनी को काम नहीं दिला पाए तो पैसे वापस करने पड़े।
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