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Rajasthan: संविधान पर चर्चा के लिए बुलाए गए विधानसभा सत्र में लगे जय श्री राम के नारे

Rajasthan Assembly session.गुलाब चंद कटारिया ने अनुच्छेद 370 और राम मंदिर की चर्चा करते हुए कहा कि वोट की खेती के लिए अस्थाई प्रावधान खत्म नहीं किया गया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 05:24 PM (IST)
Rajasthan: संविधान पर चर्चा के लिए बुलाए गए विधानसभा सत्र में लगे जय श्री राम के नारे
Rajasthan: संविधान पर चर्चा के लिए बुलाए गए विधानसभा सत्र में लगे जय श्री राम के नारे

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Assembly session. भारत के संविधान के 70 साल पूरे होने पर संविधान पर चर्चा के लिए बुलाए गए राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को हंगामा हुआ। कांग्रेस और भाजपा विधायक आमने-सामने हुए। सत्र में संविधान पर चर्चा के बजाय व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पूरे संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखा। वहीं, विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को मोदी सरकार का बड़ा कदम बताया।

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कटारिया के इस बयान पर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक उत्तेजित हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे। इस पर भाजपा विधायकों ने खड़े होकर जय श्री राम के नारे लगाए। दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बहस हुई। अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। कटारिया ने अनुच्छेद 370 और राम मंदिर की चर्चा करते हुए कहा कि वोट की खेती के लिए अस्थाई प्रावधान खत्म नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए जो फैसला अब दिया है वो 20 साल पहले भी हल हो सकता था। इस पर सरकार के मंत्री शांति धारीवाल,प्रताप सिंह खाचरियावास एवं रघु शर्मा सहित कई कांग्रेस विधायक खड़े हो गए और कटािरया के बयान पर आपत्ति जताने लगे। भाजपा विधायकों ने भी खड़े होकर जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए।

गहलोत ने अपने संबोधन में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई से सवाल किया कि वे पहले सही थे या अब सही हैं। दो साल पहले गोगई सहित चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। इससे पूरा देश सन्न रह गया, दुनिया में इसका गलत संदेश गया। गहलोत ने कहा कि गोगई यह बताएं कि उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए तब सही थे या सीजेआई बनने के बाद जो काम किया तब सही थे। गोगई अचानक बदल गए।

गहलोत बोले, पीएम बताएं राष्ट्रपिता कौन हैं वे या गांधी

सीएम गहलोत ने कहा कि अमेरिका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को "फादर ऑफ नेशन" कहा और वे शांत रहे। मोदी को यह बताना चाहिए कि राष्ट्रपिता वे हैं या फिर गांधी है। संघ पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि वर्तमान में आरएसएस "एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी" बन गई है। देश में पीएम, सीएम और मंत्री आरएसएस के इशारे पर बनाए जाते हैं। यूनिवर्सिटीज में आरएसएस से जुड़े लोगों को बिठाया गया है।

एनआरसी मामले की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि आसाम में इसका विरोध हो रहा है। भाजपा के लोग ही विरोध कर रहे हैं, वहां एक ही परिवार के दो सदस्यों को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया। इलेक्ट्रोल बांड को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए गहलोत ने कहा कि 90 फीसद से अधिक चंदा केवल भाजपा को मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले खुद मुक्त हो जाएंगे और कांग्रेस सौ साल तक देश में रहेगी।

महाराष्ट्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी हैं तो सब मुमकीन हैं, कब केंद्रीय कैबिनेट ने बैठक की, कब राष्ट्रपति शासन हटा, राष्ट्रपति नींद में थे या पता नहीं, अल सुबह फडणवीस को शपथ दिला दी गई। पीएम ने सुबह आठ बजे ट्वीट कर उन्हें बधाई दे दी। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर को नेहरू ने संविधान की ड्राफ्ट कमेटी का अध्यक्ष बनाया और फिर राज्यसभा में भेजा। 

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