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Subhash Chandra Bose Jayanti: सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने मन मोहा

Subhash Chandra Bose Jayanti हरिपुरा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के समारोह में शनिवार को लोक कलाकारों की कला की प्रस्तुति ने देश की अनूठी संस्कृति का रंग जमाया। गुजरात के डांग व वसावा आदिवासी कलाकारों ने अपनी परंपरानुसार नृत्य प्रदर्शन किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 08:55 PM (IST)
Subhash Chandra Bose Jayanti: सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने मन मोहा
सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने मन मोहा। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Subhash Chandra Bose Jayanti: पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की ओर से गुजरात के हरिपुरा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के समारोह में शनिवार को लोक कलाकारों की कला की प्रस्तुति ने देश की अनूठी संस्कृति का रंग जमाया। गुजरात के डांग व वसावा आदिवासी कलाकारों ने अपनी परंपरानुसार नृत्य प्रदर्शन किया। वहीं, छत्तीसगढ़ की पण्डवानी शैली में दुशासन वध और भगवान श्रीकृष्ण के विराट रूप को कलाकार पूजा ने बखूबी अभिनीत किया। गुजरात का हरिपुरा गांव स्वाधीनता आंदोलन का गवाह रहा है। तत्कालीन कांग्रेस के सन् 1951 के अधिवेशन में नेताजी इस गांव में आए थे और उन्हें अध्यक्ष चुना गया। इसी गांव में नेताजी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई। यहां 51 बैलगाड़ियों की रैली से पुरानी दिनों की याद को ताजा कर दिया।

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इस अवसर पर केंद्र द्वारा युवकसेवा व सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुजरात और छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतिय दी। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। इसके बाद गुजरात के वसावा जनजाति के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। राजपीपला के राजू भाई वसावा व उनके साथियों ने अपनी प्रस्तुति से समां बाध दिया। गुजरात के ही डांग जिले के डांगी आदिवासी कलाकारों ने इस अवसर पर डांग नृत्य की प्रस्तुति से मन मोह लिया। कलाकारों ने ढोलकी थाप और सरनाई के सुरों के साथ सुंदर पिरामिड की रचना कर दर्शकों की तालियां बटोरी।

कार्यक्रम में दर्शक उस समय भावाविभोर हो उठे, जब छत्तीसगढ़ की पण्डवानी गायिका पूजा ने पण्डवानी कथा शैली में अपने अभिनय से भगवान श्री कृष्ण का विराट रूप दर्शाया। प्रस्तुति में गायन, वादन और अभिनय भाव भंगिमाओं का मिश्रण उत्कृष्ट बन सका। पूजा व उनके दल ने महाभारत के दुशासन वध का प्रसंग रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राज्य स्तर आयोजित कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, सांसद ईश्वर भाई परमार व अन्य विधायक भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री रूपाणी ने नेताजी की प्रतिमा को सूत्र माला धारण करवाई।

नंदलाल बोस की कृतियों की प्रदर्शनी

हरिपुरा के नेताजी सुभाष चंद्र बोस ऑडिटोरियम में केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के नेशनल गैलरी ऑफ माडर्न ऑर्ट की ओर से चित्रकार नंदलाल बोस द्वारा सृजित चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में बोस द्वारा हरिपुरा के ग्राॅय जनजीवन के मनोरम चित्र प्रदर्शित किए गए हैं।


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