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Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान निकाय चुनाव के लिए सियासी दलों ने शुरू की तैयारी

Rajasthan Local Body Elections 2019. 49 नगरीय निकायों में 2105 पार्षदों की स्थानीय सरकार चुनने के लिए करीब 33 लाख मतदाता 16 नवंबर को मतदान करेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 12:34 PM (IST)
Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान निकाय चुनाव के लिए सियासी दलों ने शुरू की तैयारी
Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान निकाय चुनाव के लिए सियासी दलों ने शुरू की तैयारी

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में अक्टूबर में उपचुनाव के बाद अब नवंबर का महीना नगरीय निकाय चुनाव के हल्ले में बीतेगा। प्रदेश के 195 नगरीय निकायों में से 49 नगरीय निकायों में 2105 पार्षदों की स्थानीय सरकार चुनने के लिए करीब 33 लाख मतदाता 16 नवंबर को मतदान करेंगे। चुनाव के लिए नामांकन भरने का काम शुक्रवार को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू हो गया है। राजस्थान में विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम, सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा निकाय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया मे हाल में किए गए परिवर्तनों और इसे लेकर हुई राजनीति को देखते हुए यह चुनाव काफी रोचक होने की उम्मीद की जा रही है।

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राजस्थान में कुल 195 नगरीय निकाय हैं। इनमें चार चरणों में चुनाव होने है। पहले चरण में 49 नगरीय निकायों के लिए 16 नवम्बर को मतदान हो रहा है। वैसे तो यह चुनाव जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगमों सहित 52 निकायों में होना था, लेकिन इन तीनों बड़े शहरों में नगर निगमों को दो हिस्सों में बांटने और फिर से परिसीमन कराए जाने के निर्णय के बाद अब 49 निकायों में ही चुनाव हो रहा है। ये 49 निकाय राज्य के 33 में से 24 जिलों के हैं। इनमें बीकानेर, भरतपुर और उदयपुर के नगर निगम भी शामिल है। बाकी जगह नगर पालिकाएं हैं। इस चुनाव में 49 निकायों के कुल 2105 वार्डों के पार्षद चुने जाएंगे। इसके बाद 26 नवंबर को इन्हीं में या जरूरत पड़ने पर बाहर से किसी व्यक्ति का निकाय अध्यक्ष के रूप में चुनाव होगा। पहले निकाय अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष यानी सीधे मतदाताओं के जरिए होना था, लेकिन हाल में सरकार ने इस निर्णय को बदल कर इसे पार्षदों के वोट से ही चुने जाने का प्रावधान कर दिया। जिन निकायों में चुनाव हो रहा है।

उपचुनाव परिणाम और निकाय अध्यक्ष के नियमों ने रोचक बनाया चुनाव

राजस्थान में अक्टूबर में मंडावा और खींवसर विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुआ था। यह मुकाबला बराबरी पर छूटा, क्योंकि मंडावा की सीट कांग्रेस ने जीती और खींवसर का चुनाव भाजपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीता है। ऐसे में इस उपचुनाव में किसी एक पार्टी के पक्ष में कोई लहर नजर नहीं आई है। वहीं, निकाय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी पिछले दिनों राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी तौर पर काफी खींचतान नजर आई। वहीं, प्रतिपक्ष भाजपा ने भी सरकार को निशाना बनाया। सरकार ने पहले निकाय अध्यक्ष सीधे चुने जाने का प्रावधान बदला, फिर इसमें बिना चुनाव लड़े ही निकाय अध्यक्ष बनने का प्रावधान लागू किया। इसे लेकर जब सीधे पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट और उनके गुट से विरोध सामने आया तो इस प्रावधान को भी आंशिक तौर पर बदला गया। इस पूरी स्थिति से कांग्रेस की खींचतान तो सामने आई ही। भाजपा को भी बड़ा मुद्दा मिला। प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इस निकाय चुनाव को काफी रोचक माना जा रहा है।

सियासी दलों ने शुरू की तैयारी

निकाय चुनाव के लिए दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों ही पार्टियाां बिना किसी गठबंधन के अपने दम पर यह चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने चुनाव वरिष्ठ नेताओं की 11 सदस्यीय टीम बनाई है और प्रत्याशियों क पैनल जयपुर मंगवाएं हैं। वहीं, कांग्रेस ने मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों को संबंधित निकायों में भेज कर स्थानीय स्तर पर ही प्रत्याशियों का निर्णय करने की रणनीति बनाई है। यह काम अगले एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रचार का हल्ला शुरू हो जाएगा।

ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे

- सत्तारूढ़ कांग्रेस अपने दस माह के सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को गिनाएगी

- हाल में सरकार ने आर्थिक पिछड़ों के आरक्षण के प्रमाणपत्र के लिए संपत्ति संबंधी प्रावधान हटा कर शहरी युवा वर्ग को बड़ी राहत दी है

- आर्थिक मंदी के कारण बन रही स्थितियों को भी मुद्दा बनाया जाएगा

- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे राष्ट्रीय मु्द्दे भुनाने की कोशिश होगी

- स्टेट हाइवे पर टोल वापस लागू किए जाने और पेट्रोल व डीजल पर चार प्रतिशत वैट बढ़ाने को बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा

- शहरों में कानून व्यवस्था की स्थिति

- निकाय अध्यक्ष चुनाव को लेकर कांग्रेस में हुई अंदरूनी खींचतान भी मुद्दा रहेगी।

- स्थानीय स्तर के मुद्दे भी उठाए जाएंगे।

इन जिलों और निकायों में होना है चुनाव

जिला- निकाय

अजमेर- ब्यावर, पुष्कर, नसीराबाद

अलवर- अलवर, भिवाडी, थानागाजी

बांसवाडा- बांसवाडा, प्रतापगढ

बारां- छबडा, मांगरोल

बाडमेर- बाडमेर, बालोतरा

भरतपुर- भरतपुर, रूपवास

बीकानेर- बीकानेर

चित्तौड़गढ़- चित्तौड़गढ़, निम्बाहेडा, रावतभाटा

चूरू- चूरू, राजगढ़

दौसा- महुआ

गंगानगर- गंगानगर, सूरतगढ़

हनुमानगढ- हनुमानगढ़

जैसलमेर- जैसलमेर

जालौर- भीनमाल, जालौर

झुंझुनूं- बिसाउ, झुंझुनूं, पिलानी

जोधपुर- फलौदी

कोटा- कैथून, सांगोद

नागौर- डीडवाना, मकराना

पाली- पाली, सुमेरपुर

रामसमंद- राजसमंद, नाथद्वारा

सीकर- सीकर, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी

सिरोही- सिरोही, माउंटआबू, पिण्डवाडा, शिवगंज

टोंक-टोंक

उदयपुर- उदयपुर, कनोड

ये है चुनाव कार्यक्रम

नामांकन- पांच नवंबर तक

जांच- 6 नवंबर

नाम वापसी- 8 नवंबर

चुनाव चिन्ह आवंटन- 9 नवंबर

म्तदान- 16 नवम्बर

मतगणना- 19 नवंबर

अध्यक्ष का चुनाव- 26 नवंबर

राजस्थान में निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने शुरू की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया

राजस्थान में 16 नवंबर को होने वाले 49 नगरीय निकायों के चुनाव के लिए भाजपा ने गुरुवार से प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी दो दिन में सभी निकायों के 2100 से ज्यादा प्रत्याशियों का चयन करेगी। प्रदेश में 16 नवंबर को होने वाले निकाय चुनाव को लेकर शुक्रवार एक नवंबर को अधिसूचना जारी हो जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ निकाय चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। 16 नवंबर को मतदान होगा।

चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पांच नवंबर है। ऐसे में प्रत्याशियों के चयन के लिए बहुत कम समय मिलेगा। पार्टी ने इसी को देखते हुए संबंधित निकायों के प्रभारियों और जिला अध्यक्षों व सहप्रभारियों को जयपुर बुलाया है। हालांकि गुरुवार को दो ही निकायों के प्रभारी नाम लेकर पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि शुक्रवार तक सभी जगह के नाम आ जाएंगे और इसके बाद प्रदेश स्तरीय बैठक कर नामों को अंतिम रूप दे देगी।

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