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Rajasthan मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलटके बीच बढ़ा सत्ता संघर्ष

Gehlot and Pilot राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रहा सत्ता संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 02:06 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 02:07 PM (IST)
Rajasthan मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलटके बीच बढ़ा सत्ता संघर्ष
Rajasthan मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलटके बीच बढ़ा सत्ता संघर्ष

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रहा सत्ता संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों में पायलट की सलाह नहीं लेने के साथ ही सीएम खेमा अब पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू कराने में जुटा है।

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सरकार में पकड़ मजबूत बनाने के बाद अब गहलोत संगठन में अपने विश्वस्तों को महत्वपूर्ण पदों पर बिठाना चाहते है। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी से लेकर जिला कांग्रेस कमेटियों तक में पायलट खेमे के लोगों को कब्जा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के आधे से अधिक पदाधिकारी एवं 80 फीसदी जिला अध्यक्ष पायलट के खास समर्थक है।

इन नेताओं को पद से हटाने के लिए गहलोत खेमे ने एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू करने को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस अभियान की कमान गहलोत के खास राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने संभाली है। हरीश चौधरी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी है। वहीं कटारिया मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री रह चुके है।

उधर पायलट समर्थक मंत्रियों,विधायकों एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान के समक्ष सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने की योजना बनाई है। इसके तहत पायलट समर्थक आलाकमान को कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति,किसान कर्ज माफी का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल पाने एवं हाल ही में सामने आए खान विभाग में भ्रष्टाचार के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं की सरकार में सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाएंगे। पायलट समर्थक मंत्रियों के विभागों में नकारात्मक सोच वाले अधिकारियों को लगाने का मुद्दा भी आलाकमान के समक्ष उठाया जाएगा।

एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू हुआ तो दो दर्जन नेताओं को छोड़ने होंगे पद

गहलोत खेमे के प्रयास यदि सफल होते है तो कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू करता है तो एक दर्जन नेता इससे प्रभावित होंगे। 12 मंत्रियों और 14 विधायकों के पास संगठन में पद है। इन्हें एक पद छोड़ना होगा। पायलट के खास समर्थक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल पीसीसी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह,चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा,खान मंत्री प्रमोद जैन भाया,शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पीसीसी में उपाध्यक्ष है।

वहीं परिवहन मंत्री प्रतान सिंह खाचरियावास पीसीसी के प्रवक्ता होने के साथ ही जयपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष भी है। श्रम मंत्री राजेद्र यादव जयपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस के अध्यक्ष है। खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है।

वहीं राज्य विधानसभा में सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी पीसीसी में महासचिव है। विधायक जगदीश शर्मा,मुरारी लाल मीणा,गजेंद्र सिंह और भरोसी लाल जाटव भी महासचिव है। उधोग मंत्री परसादी लाल मीणा प्रदेश कांग्रेस के सहकारिता विभाग के अध्यक्ष है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव,जनजाति क्षेत्रीय कल्याण मंत्री अर्जुन लाल बामणिया पीसीसी में सचिव है। इनके साथ ही विधायक इंद्राज गुर्जर,जाहिदा खान,रोहित बोहरा,प्रशांत बैरवा,अमीन कागजी,रूपाराम,दानिश अबरार,चेतन डूडी और कृष्णा पूनिया भी पीसीसी में सचिव है। आलाकमान के निर्णय के बाद इन्हें एक पद छोड़ना होगा ।

दो नेताओं ने दिए इस्तीफे

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पद एवं श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जुली ने अलवर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि अभी तक इनके इस्तीफ स्वीकार नहीं हुए है। 


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