Rajasthan: हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर सोशल मीडिया पर गहलोत समर्थक नेता कर रहे राजनीतिक घमासान
Rajasthan बाड़मेर के गुडामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद पहले से दो धड़ो में बंटी कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए है। राजनीतिक धुरंधर सोशल मीडिया पर एक दूसरे को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हड़काने में लगे हैं।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान के बाड़मेर के गुडामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद पहले से दो धड़ो में बंटी कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए है। राजनीतिक धुरंधर सोशल मीडिया पर एक दूसरे को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हड़काने में लगे हैं। सत्ता और संगठन में इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है, वहीं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अजय माकन सहित कई अन्य नेता इस पूरे मामले को डैमेज कंट्रोल करने में दिल्ली जुटे हुए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री के बेहद करीबी और सिरोही क्षेत्र से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर पलटवार किया है। संयम लोढ़ा ने इशारों-इशारों में हेमाराम चौधरी और अशोक गहलोत विरोधियों पर ट्वीट के जरिए निशाना साधा है।
संयम लोढ़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि "कोविड 19, ताऊ-ते चक्रवात ..... लोगों को संभालें या घरवालों को....! " घरवालों से संयम का इशारा कांग्रेस के ही असंतुष्ट विधायकों को लेकर है। अपने ट्वीट में संयम लोढ़ा ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश प्रभारी अजय माकन को भी टैग किया है, जिससे कि साफ संकेत है कि कांग्रेस के भीतर चल रही सियासी खींचतान से कांग्रेस आलाकमान को अवगत करवाया जाए। संयम लोढ़ा ने भले ही अपने इस ट्वीट में किसी का नाम न लिया हो, लेकिन उनका इशारा हेमाराम चौधरी पर ही है।
कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर संयम लोढ़ा ने इस बार सिरोही जिले से कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने में अपना समर्थन दिया। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं। साथ ही, उनके ट्वीट पर अक्सर गहलोत विरोधी ही रहते हैं।
चाकसू विधायक उतरे हेमाराम के समर्थन में
प्रदेश में पायलट कैंप के एक अन्य नेता चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के बयान ने भी राजनीतिक सरगर्मियों को हवा दी। उन्होंने कहा कि अगर मेरे कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाएगी, तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी विधायकों की नहीं सुनते हैं। बहुत विभाग बिना मंत्रियों के चल रहे हैं, ऐसे में वहां अधिकारी हावी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेमाराम से वार्ता करने की जरूरत है, वो सीनियर लीडर हैं। सीनियर नेताओं की जब सुनवाई नहीं होती, तब वो अपना इस्तीफा देते हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों पर अफसरशाही हावी है। उन्होंने सत्ता के विकेंद्रीकरण की मांग की। साथ ही, आलाकमान से हेमाराम चौधरी के इस्तीफे की वजह जानने के लिए अपील कर इस्तीफा वापस लेने की मांग की है। इससे पहले बाड़मेर के पचपदरा इलाके से ही विधायक मदन प्रजापत ने भी इस मसले पर हेमाराम की पीड़ा को बयां किया था।
डोटासरा व हरीश चौधरी ने की हेमाराम से फोन पर वार्ता
सरकार में अपनी अनदेखी और कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने से नाराज विधायक हेमराज के इस्तीफे के बाद इस डैमेज कंट्रोल को पूरा करने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हेमाराम चौधरी से फोन पर बात की है। वहीं, क्षेत्र के कबीना मंत्री हरीश चौधरी ने भी तकरीबन 10 मिनट तक हेमाराम चौधरी से बात की है। उम्मीदें जताई जा रही है कि एक-दो दिन में हेमाराम जयपुर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ से मुलाकात करेंगे। सूत्रों की माने तो हेमाराम का जयपुर जाने का बुधवार को कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के चलते वे यात्रा नहीं कर पाए। अब गुरुवार को वह अपने निवास से जयपुर जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के साथ हेमाराम की होने वाली मुलाकात के दौरान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने हेमाराम चौधरी को जयपुर आकर अपनी बात रखने को कहा है, जिसके बाद डोटासरा ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'ये पारिवारिक मामला है और जल्द ही मिल बैठकर इस को सुलझा लेंगे'।