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Rajasthan: नागौर में दलित युवकों से बर्बरता के मामले में सियासत गरमायी

Nagur Case. नागौर में दो दलित युवकों के साथ हुई बर्बरता के मामले में राजस्थान में राजनीति गरमाने लगी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 05:33 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 05:33 PM (IST)
Rajasthan: नागौर में दलित युवकों से बर्बरता के मामले में सियासत गरमायी
Rajasthan: नागौर में दलित युवकों से बर्बरता के मामले में सियासत गरमायी

जयपुर, जेएनएन। Nagur Case. राजस्थान के नागौर में दो दलित युवकों के साथ हुई बर्बरता के मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है। इस मामले में दलित युवकों से मिलने के लिए भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी व अन्य दलों के नेता पहुंचे और बयानबाजी का दौर चलता रहा।

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नागौर के इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट के बाद ही राजनीति गरमा गई थी। शुक्रवार को राजस्थान भाजपा की ओर से बनाई गई जांच समिति पीड़ितों से मिलने करणु गांव पहुंची। दल की अगुवाई कर रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की अराजक सरकार के राज में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से लाचार हो गई है। दलित उत्पीड़न ने सारी हदें लांग दी है। नागौर घटना के बाद अगर कांग्रेस पार्टी में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। दलित युवकों के साथ जो अत्याचार हुआ है, वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की विफलता है, क्योंकि गृह विभाग अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है।

मेघवाल ने नागौर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि जो मामला दर्ज हो उसी पर कार्रवाई हो, यह मॉडर्न पुलिसिंग नहीं है। मॉडर्न पुलिसिंग यह है कि जो मामला थाने तक नहीं पहुंच पाया है, लेकिन घटना घटित हुई है और किसी भी माध्यम से उसकी जानकारी मिलती है तो उस पर भी पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। मेघवाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में महिलाओं और दलितों पर अत्याचारों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। मेघवाल ने यह भी कहा कि वे सरकार से मांग करते हैं कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा और मुआवजा मुहैया करवाया जाए। इससे पहले नागौर में भाजपा के दल ने सर्किट हाउस में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से दलित युवकों से बर्बरता और अमानवीय व्यवहार के मामले को लेकर पूरी जानकारी ली। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से भी मंत्री ने फीडबैक लिया।

कांग्रेस की ओर से बनाई गई समिति के सदस्य भी नागौर पहुंचे। इसमें सामाजिक न्याय मंत्री भवंरलाल मेघवाल, विधायक हरीश मीणा और अन्य नेता शामिल है। इन नेताओं ने भी पीड़ित युवकों से मुलाकात की और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया।

रालोप विधायक भी पहुंचे, धरना दिया

शुक्रवार को ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के खींवसर से विधायक नारायण बेनीवाल और पार्टी के पदाधिकारी पीड़ितों से मिलने पहुंचे। बेनीवाल ने पीड़ितों और परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बेनीवाल ने पीड़ित युवक और उसके चचेरे भाई से केस की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। इसके बाद नारायण बेनीवाल और उनके विधायकों ने खींवसर में धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार से पुरजोर मांग कर रही है कि पीड़ितों और उनके परिजनों को सुरक्षा और मुआवजा दिलाया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाए।

इस बीच, पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक, मानवाधिकार बिपिन कुमार पाण्डेय को नागौर भिजवाया है। क्राइम ब्रांच की जघन्य अपराध युनिट की निगरानी में जांच की जा रही है। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

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