कोरेाना पर राजनीति, केंद्रीय मंत्री बोले-राजस्थान सरकार छिपा रही ऑक्सीजन आवंटन के आंकड़े
Politics on Coronavirus राजस्थान के तीन मंत्री दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर मदद मांगेंगे। केंद्र सरकार राजस्थान के मुकाबले भाजपा शासित राज्यों को अधिक ऑक्सीजन रेमडेसिविर सहित अन्य दवाईयां आवंटित कर रही है जबकि यहां संक्रमण ज्यादा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर : कोरोना महामारी से आम आदमी परेशान है । लेकिन नेता इसमें भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे । राजस्थान सरकार लगातार केंद्र पर ऑक्सीजन सहित अन्य आवश्यक दवाईयों के आवंटन में भेदभाव करने का आरोप लगा रही है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर मंत्रियों तक ने कई बार आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राजस्थान के मुकाबले भाजपा शासित राज्यों को अधिक ऑक्सीजन, रेमडेसिविर सहित अन्य दवाईयां आवंटित कर रही है, जबकि यहां संक्रमण ज्यादा है। दबाव की राजनीति के तहत ही राज्य के तीन वरिष्ठ मंत्री मंगलवार को दिल्ली पहुंचे । दो दिन में वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन, परिवहन मंत्री नितीन गड़करी, रेल मंत्री पियूष गोयल और रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर एवं टोसिलिजुमेब उपलब्ध कराने के साथ ही परिवहन के साधन बढ़ाने की मांग करेंगे। तीनों मंत्रियों की मंगलवार को मंडाविया से मुलाकात हो गई ।
ऑक्सीजन का कोटा 15 अप्रैल के बाद बढ़ाया
इसी बीच केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि राजस्थान के मुख्यमंंत्री से लेकर हर मंत्री तक केंद्र सरकार पर कम ऑक्सीजन, रेमडेसिविर देने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ऑक्सीजन का कोटा 15 अप्रैल के बाद लगातार बढ़ाया गया है । राज्य सरकार सही आंकड़े नहीं बता रही है। राजस्थान का 265 टन ऑक्सीजन का कोटा है।
राज्यों को आक्सीजन आवंटित का फार्मूला बनाया
राज्यों को ऑक्सीजन देेने के लिए एंपावर्ड कमेटी ने मापदंड तय किए हैं। इसमें केंद्र की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता, राज्यों की मांग, पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा वाले अस्पतालों की संख्या के पैरामीटर के आधार पर राज्यों को आक्सीजन आवंटित करने का फार्मूला बनाया है। कितने अस्पताल ऑक्सीजन की पाइपलाइन से इक्यूप्ड है, यह भी एक पैरामीटर है।
ऑक्सीजन पाइपलाइन से इक्यूप्ड नहीं किया
मेघवाल ने कहा राजस्थान के सीएम और मंत्री गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन देने की बात कह रहे है । लेकिन यह सच्चाई नहीं बता रहे कि राजस्थान ने अस्पतालों को ऑक्सीजन पाइपलाइन से इक्यूप्ड नहीं किया,गुजरात सरकार ने कर दिया । इस कारएा गुजरात को ज्यादा ऑक्सीजन मिल रही है। मेघवाल ने बताया कि जामनगर स्थित रिलायंस के प्लांट से 40 टन,भिवाड़ी के आईएनओएक्स से 100 टन और एयर सेपरेशन यूनिट से 125 टन राजस्थान को दिया जा रहा है।
एक साल पहले दिए थे केंद्र सरकार ने पैसे
इस तरह प्रदेश को कुल 265 टन ऑक्सीजन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा भी 26,500 से बढ़ाकर 67 हजार कर दिया गया । केंद्र ने एयरलिफ्ट कर के टैंकर भेजने की सुविधा दी,लकिन राजस्थान के पास क्रोयोजैनिक टैंकर ही नहीं है । मेघवाल बोले,अगर राज्य सरकार मांग करेगी तो केंद्र बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन दे सकते हैं। चार अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक साल पहले पैसा दिया था, लेकिन राज्य सरकार इन्हें लगा ही नहीं सकी।
तीनों मंत्री कई दस्तावेज लेकर गए दिल्ली
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, संसदीय कार्यमंत्री शांतिधारीवाल और उर्जामंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला अपने साथ वे दस्तावेज लेकर गए हैं, जिनमें राजस्थान के मुकाबले भाजपा शासित राज्यों को अधिक ऑक्सीजन व दवाईयां देने के प्रमाण है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधांश पंत भी मंत्रियों के साथ दिल्ली गए हैं। शर्मा ने कहा कि गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित अन्य भाजपा शासित राज्यों को अधिक ऑक्सीजन दिया जा रहा है।